कला संस्कृति और परंपरा की सराहना और संवर्धन के लिए आई आई टी (IIT) कानपुर का नया प्रकोष्ठ – एप्रोच

 

   
  • आर्ट एप्रिसिएशन- हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत पर दो महीने का परिचयात्मक सर्टिफिकेट कोर्स शुरू

  • उत्साही लोगों के लिए एसोसिएट सदस्यता प्राप्त करने का मौका

  • विभिन्न कला और सांस्कृतिक गतिविधियां एक मंच होगा एप्रोच

कानपुर, 26 अप्रैल, 2023: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर ने कला, संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देने के लिए "एप्रोच" (सेल फॉर एप्रिसिएशन एंड प्रमोशन ऑफ आर्ट कल्चर एंड हेरिटेज) नाम से एक नया सेल, छात्र मामलों के डीन के कार्यालय के अंतर्गत स्थापित किया है। सेल ने उन सभी के लिए एसोसिएट सदस्यता शुरू की है जो इस प्रयास का हिस्सा बनने के इच्छुक हैं। सेल का प्राथमिक उद्देश्य उन गतिविधियों को शुरू करना है जो छात्रों के साथ-साथ कैंपस समुदाय के समग्र विकास को बढ़ावा देते हैं।


समिति में आई आई टी (IIT) कानपुर के संकाय, कर्मचारी, छात्र और परिसर समुदाय के प्रतिनिधि शामिल हैं, जो कि प्रकोष्ठ की गतिविधियों का विचार, संचालन और प्रबंधन करेगें । कई कार्यक्रमों की योजना बनाई जा रही है, जो आने वाले सेमेस्टर के साथ-साथ गर्मियों और सर्दियों की छुट्टियों में शुरू किए जाएंगे।


सेल के समन्वयक प्रोफेसर समीर खांडेकर ने कहा "हमारी सामूहिक विरासत, कला, संस्कृति और परंपरा के लिए सम्मान और प्रशंसा पैदा करना “एप्रोच” के मिशन के मूल में है। संगीत, कला और विरासत में विविध समूह गतिविधियों के माध्यम से, हमारा उद्देश्य प्रतिभागियों को एक्सपोजर और जुड़ाव प्रदान करना है, जिससे हम रचनात्मकता, कला और शैक्षणिक उपलब्धियों के बीच तालमेल के मजबूत होने की आशा करते हैं” ।


जिन कार्यक्रमों की योजना बनाई जा रही है, उनमें संगीत बैठकें/लेक-डेम्स/ आर्ट एप्रिसिएशन वर्क्शाप, छात्रों के लिए कानपुर शहर और आसपास के क्षेत्रों की विरासत यात्राएं, कला प्रदर्शनियां/संगीत/कला पाठ, स्थानीय कारीगरों द्वारा प्रदर्शन/कार्यशालाएं और अनौपचारिक और औपचारिक कला और संस्कृति प्रशंसा सत्र/वार्ता, आदि शामिल हैं ।


एक ऐसे देश के लिए जो सफलता के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में बहुमुखी रचनात्मकता को महत्व देता है, आईआईटी कानपुर में एप्रोच सेल रचनात्मक प्रतिभाओं को पोषित करने और उनके प्रचार और विकास के लिए सही माहौल प्रदान करने में निवेशित है।


सेल ने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की मूल बातों से परिचित कराने के उद्देश्य से आर्ट एप्रिसिएशन- हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत पर एक परिचयात्मक सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया है। संगीत सीखने का उत्साह रखने वाला कोई भी व्यक्ति 15 मई से 14 जुलाई, 2023 तक चलने वाले इस दो महीने के पाठ्यक्रम में शामिल हो सकते हैं । डॉ. देवानंद पाठक इस कोर्स की अगुवाई करेंगे और इस कोर्स में आईआईटीके निवासियों के साथ-साथ बाहरी प्रतिभागी मामूली शुल्क देकर आवेदन के सकते हैं ।


पाठ्यक्रम हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की बारीकियों की व्यापक समझ प्रदान करेगा और शिक्षार्थियों को अगले चरण के लिए तैयार करेगा। सभी प्रतिभागियों को सेंटर फॉर कंटीन्यूइंग एजुकेशन (CCE), आई आई टी (IIT) कानपुर द्वारा कोर्स पूरा होने पर प्रमाण पत्र दिया जाएगा।


पाठ्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी के लिए - https://www.iitk.ac.in/cce/courses/23-24/art-appreciation/


एप्रोच की आधिकारिक वेबसाइट: https://www.iitk.ac.in/approach/


आईआईटी कानपुर के बारे में:


भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर की स्थापना 2 नवंबर 1959 को संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। संस्थान का विशाल परिसर 1055 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें 19 विभागों, 22 केंद्रों, इंजीनियरिंग, विज्ञान, डिजाइन, मानविकी और प्रबंधन विषयों में 3 अंतःविषय कार्यक्रमों में फैले शैक्षणिक और अनुसंधान संसाधनों के बड़े पूल के साथ 540 पूर्णकालिक संकाय सदस्य और लगभग 9000 छात्र हैं । औपचारिक स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अलावा, संस्थान उद्योग और सरकार दोनों के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास में सक्रिय रहता है।


अधिक जानकारी के लिए www.iitk.ac.in पर विजिट करें

 

 

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