फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव की कहानी

 

   

Dr. H.C. Verma द्वारा कथा के रूप में दिया जाने वाला कोर्स


संसार के महानतम वैज्ञानिकों में जिनका नाम अत्यंत सम्मान के साथ लिया जाता है, उन अल्बर्ट आइंस्टाइन को वर्ष 1921 के भौतिकी नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था l उन्हें यह पुरस्कार मुख्यत: प्रकाश विद्युत प्रभाव अर्थात फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव (Photoelectric Effect) के नियमों की खोज के लिए दिया गया था l आइंस्टाइन की इन्हीं सिद्धांतों के कारण टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रकाश से विद्युत उत्पादन की अनेक विधाएं विकसित हुई है | भारत द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक में प्रयुक्त Night Vision Camera से लेकर घर-घर में लग रहे सोलर पैनल (solar panel) आइंस्टाइन के इन्हीं सिद्धांतों पर आधारित है |


 

Dr. H.C. Verma

यह वर्ष आइंस्टाइन के नोबेल पुरस्कार का शताब्दी वर्ष है | Dr.H.C.Verma द्वारा यह कोर्स विद्युत प्रभाव की खोज के इतिहास से विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को अवगत कराने के प्रयास हैं l जैसा कि कोर्स के नाम से स्पष्ट है, यह एक कथा के प्रारूप में है और गंभीर गणित, गणितय विवेचना से हटकर है, इन 12 व्याख्यानो के माध्यम से प्रकाश – विद्युत प्रभाव के क्रमिक विकास में लगे विभिन्न वैज्ञानिकों के योगदान, उनके आपस के तालमेल, उनकी बहस, शोध के समय उपकरणों के विकास की इंजीनियरिंग आदि का वर्णन किया जाएगा |


जहां कक्षा 11-12 के बच्चे भी इस कोर्स का आनंद उठाते हुए ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे वही भौतिकी के उच्च कक्षाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के साथ भौतिकी के शिक्षकों के लिए भी बहुत कुछ नया होगा इसलिए इसमें Plus-2/B.Tech/M.Tech/B.Sc./M.Sc के विद्यार्थियों के साथ सभी स्तरों पर भौतिकी पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी आमंत्रित किया जा रहा है |


प्रमुखबिंदु

  • कोर्स प्रारंभ 15 July 2021

  • व्याख्यान प्रत्येक मंगलवार, बृहस्पतिवार तथा शनिवार को

  • 1 महीने का कोर्स, 12 व्याख्यान

  • प्रश्न पूछने व उत्तर देने की सुविधा

  • रजिस्ट्रेशन तथा कोर्स का संचालन bsc.hcverma.in वेबसाइट पर

  • CCE, IIT Kanpur द्वारा चयनित प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र

  • शिक्षा – सोपान संस्था द्वारा कोर्स के बाद Quiz तथा उसके आधार पर सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कार |

 

 

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