नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति कानपुर कार्यालय-3 की छठवी बैठक का कार्यवृत्त
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति कानपुर कार्यालय-3 की छठी बैठक का आयोजन समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रोफेसर ब्रजभूषण की अध्यक्षता में दिनांक 25 अक्टूबर 2023 को संपन्न हई। इस बैठक में डॉ. छबिल कुमार मेहेर एवं श्री अजय कुमार चौधरी क्रमशः उप निदेशक एवं सहायक निदेशक (कार्यान्वयन) राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय (उत्तरी क्षेत्र-2) गाजियाबाद, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति कानपुर, कार्यालय-3 के सदस्य सचिव श्री विजय कुमार पाण्डेय के अलावा समिति के सदस्य कार्यालयों के लगभग 41 कार्यालय प्रमुखों तथा वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक आरंभ होने से पूर्व सभा कक्ष में हिंदी गीत बजाया गया। तत्पश्चात नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति कानपुर, कार्यालय-3 के सदस्य सचिव श्री विजय कुमार पाण्डेय ने समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर ब्रजभूषण, राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय (उत्तरी क्षेत्र-2) गाजियाबाद से पधारे डॉ. छबिल कुमार मेहेर, उप निदेशक एवं श्री अजय कुमार चौधरी सहायक निदेशक (कार्यान्वयन), उपस्थित समस्त कार्यालय प्रमुखों तथा संबंधित अधिकारियों का स्वागत तथा हार्दिक अभिनंदन किया।
अतिथियों एवं सदस्यों का परिचय. पिछले कार्यवृत्त की पुष्टि एवं सदस्य सचिव के सुझाव एवं विचार
समिति के सदस्य सचिव श्री पाण्डेय ने सभी का एक दूसरे से परिचय कराया, तत्पश्चात सूचित किया कि पिछली बैठक की कार्यवृत्त 26 मई 2023 को परिचालित की गई थी । किसी भी सदस्य कार्यालय के कोई आपत्ति दर्ज नहीं की गई है, अत: पिछले बैठक के कार्यवृत्त की पुष्टि की जाती है । इस पर सभी सदस्य कार्यालयों द्वारा सहमति व्यक्त की गई। तत्पश्चात सदस्य सचिव ने सूचित किया कि इस बार से यह नराकास चल वैजयन्ती प्रतियोगिता की शुरुआत की है एवं इस बार इसके तहत पुरस्कार वितरण किए जाएंगे । इस नराकास को उत्कृष्ट नराकास बनाने के लिए पत्रिका की आवश्यकता पर बल दिया तथा सूचित किया कि यह संस्थान तीन हिंदी पत्रिकाएं प्रकाशित करता है अत: कोई सदस्य कार्यालय आगे बढ़कर इस जिम्मेदारी को संभाले तो अच्छा है । राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न प्रतियोगिताओं के आयोजन हेतु सदस्य कार्यालयों को आगे आने हेतु आह्वान किया ।
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति कानपुर, कार्यालय-3 के सदस्य सचिव श्री विजय कुमार पाण्डेय ने समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रोफेसर ब्रजभूषण, डॉ. छबिल कुमार मेहेर, एवं श्री अजय कुमार चौधरी, उप निदेशक एवं सहायक निदेशक (कार्यान्वयन) राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय (उत्तरी क्षेत्र-2) गाजियाबाद, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति कानपुर, कार्यालय-3 के समस्त कार्यालय प्रमुखों तथा संबंधित अधिकारियों का बैठक में शामिल होने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया ।
दिनांक 15 अक्टूबर 2023 से 17 अक्टूबर 2023 तक "अक्षर-2023" एक साहित्यिक महोत्सव का आयोजन राजभाषा प्रकोष्ठ, शिवानी केंद्र, गाथा, एप्रोच सेल एवं हिन्दी साहित्य सभा द्वारा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर में किया गया। यह साहित्यिक महोत्सव साहित्य, कला और संस्कृति के आदान-प्रदानीय पर्व के रूप में उभर रहा है। अक्षर का यह दूसरा संस्करण प्रतिष्ठित हिंदी लेखिका शिवानी जी की जन्म शताब्दी के रूप मे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के आउटरीच ऑडिटोरियम में मनाया गया।
इस महोत्सव की शुरुआत समन्वयक शिवानी केन्द्र प्रो. कांतेश बालानी द्वारा स्वागत उद्बोधन के साथ हुई, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण अवसर पर सभी का स्वागत किया और हमारे जीवन में साहित्य और भारतीय भाषाओं की भूमिका को सामने लाने में राजभाषा प्रकोष्ठ और शिवानी केंद्र के प्रयासों की सराहना की। हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के साथ उपयोगकर्ताओं की बातचीत को समृद्ध करने में प्रौद्योगिकी की भूमिका को एक साथ लाने की भी सराहना की। इस महोत्सव के मुख्य अतिथि निदेशक, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर प्रो. एस गणेश थे ।
इस अवसर पर श्री मुक्तेश पंत ने अपनी मां शिवानी जी, आईआईटी कानपुर परिसर में अपने दिनों और अपनी मां शिवानी जी के साथ अपने सहयोगियों की कुछ सामूहिक पलों को याद करते हुए सभा को संबोधित किया।
3 दिवसीय कार्यक्रम को प्रसिद्ध लेखिका शिवानी के जीवन और कार्यों के उत्सव के रूप में मनाया गया। इसमें देश की प्रतिष्ठित साहित्यिक और अकादमिक हस्तियों ने भाग लिया। कई प्रसिद्ध कवि और कलाकार आईआईटी परिसर समुदाय को साहित्य की विभिन्न शैलियों, कहानियों, कविताओं और नाटकों की सराहना करने का अवसर प्रदान हुआ। इसके अलावा, अक्षर कार्यक्रम के दौरान हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की एक शाम, विचारोत्तेजक पैनल चर्चा, एक कथक प्रदर्शन, रवीन्द्र संगीत, कबीर - भजन और कई अन्य प्रदर्शन प्रस्तुत किए गए । कुछ प्रतिष्ठित हस्तियों में बॉलीवुड के फिल्म निर्माता, निर्देशक, आर. बाल्की, कोमल नाहटा, प्रसिद्ध व्यापार विश्लेषक, नयनी दीक्षित, बॉलीवुड अभिनेत्री और श्री पुष्पेश पंत, अकादमिक, खाद्य समीक्षक और इतिहासकार, अशोक चक्रधर, लेखक और कवि, फरहत एहसास, अग्रणी समकालीन उर्दू कवि, शारिक कैफ़ी प्रसिद्ध उर्दू कवि, भाग्यश्री देशपांडे, शास्त्रीय भारतीय गायक और कई अन्य शामिल हुए।
धन्यवाद ज्ञापन प्रभारी प्रोफेसर राजभाषा प्रकोष्ठ डॉ. अर्क वर्मा ने दिया, जिन्होंने सभी मेहमानों को एवं दर्शकों को उनकी निरंतर उपस्थिति हेतु सादर धन्यवाद ज्ञापित किया।
संस्थान परिसर वासियों को साहित्य से जोड़ने एवं उनमें साहित्य के प्रति रुचि उत्पन्न करने के उद्देश्य से आईआईटी कानपुर के साहित्यिक महोत्सव ‘अक्षर 2023’ के कार्यक्रमों की श्रृंखला में दिनांक 10 अक्टूबर 2023 को साहित्यिक परिचर्चा के रूप में ‘बानगी’ नामक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में प्रस्तुति देने के लिए हिंदी जगत के दो पुरोधा कवियों एवं लेखकों श्री अशोक वाजपेयी एवं श्री नरेश सक्सेना जी को आमंत्रित किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन श्री पंकज चतुर्वेदी ने किया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में अधिष्ठाता प्रशासन एवं कुलसचिव (स्थानापन्न) प्रोफेसर ब्रज भूषण ने शिरकत की। इस कार्यक्रम के अवसर पर अधिष्ठाता संसाधन एवं पूर्व छात्र, प्रोफेसर कांतेश बालानी, अधिष्ठाता विद्यार्थी कार्य, प्रोफेसर समीर खांडेकर, प्रभारी प्रोफेसर राजभाषा प्रकोष्ठ, डॉ अर्कवर्मा, प्रोफेसर संतोष मिश्र, प्रोफेसर ललित सारस्वत के साथ-साथ संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों, विद्यार्थियों, कर्मचारियों तथा परिसर वासियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया तथा देर शाम तक दोनों वक्ताओं को पूरे मनोयोग से सुना।
परिचर्चा के क्रम में श्री अशोक वाजपेयी जी ने सभागार में उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि साहित्य वह सशक्त माध्यम है, जो समाज को व्यापक रूप से प्रभावित करता है। यह समाज में प्रबोधन की प्रक्रिया का सूत्र पात करता है। लोगों को प्रेरित करने का कार्य करता है और जहाँ एक ओर यह सत्य के सुखद परिणामों को रेखांकित करता है, वहीं असत्य का दुखद अंत कर सीख व शिक्षा प्रदान करता है। अच्छा साहित्य व्यक्ति और उसके चरित्र निर्माण में भी सहायक होता है। यही कारण है कि समाज के नवनिर्माण में साहित्य की केंद्रीय भूमिका होती है। इससे समाज को दिशा-बोध होता है और साथ ही उसका नवनिर्माण भी होता है। इस अवसर पर श्री अशोक वाजपेयी जी ने अपनी कई श्रेष्ठ कविताएं भी सुनाई। उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से उपस्थित श्रोताओं को साहित्य का भरपूर रसास्वादन कराया।
परिचर्चा के अगले क्रम में श्री नरेश सक्सेना जी ने अपने जीवन के साहित्यिक अनुभवों को उपलब्ध श्रोताओं के साथ साझा किया। यहाँ पर श्री नरेश सक्सेना जी के साहित्यिक जीवन का उल्लेख करना इसलिए प्रासंगिक होगा क्योंकि वह उन विरल कवियों में से एक हैं जिन्होंने बहुत ख्याति पायी है। जब भी वे लिखते हैं वह चर्चा का विषय बन जाता है। उनकी कविता में कहीं भी एक अतिरिक्त शब्द या पंक्ति नहीं मिलती। ये कविताएं कुछ ऐसी होती है कि देर तक और दूर तक हमारी स्मृतियों में टंकी रहती है। नरेश जी की कविता केवल कविता के रूप में नहीं बल्कि यह जीवन के अनुभवों के रूप में आती है और यही इनकी कविताओं की मूल ताकत है। विज्ञान का विद्यार्थी होने के कारण उसकी सैद्धान्तिकी को आधार बनाकर जिस तरह की कविताएँ नरेश जी ने लिखी हैं उस तरह की कविताएं हिन्दी में मिलना मुश्किल हैं। परिचर्चा के दौरान श्री नरेश सक्सेना जी ने उपस्थित श्रोताओं को अपने जीवन के अनेक अनुभवों से परिचित कराया । इस अवसर श्री नरेश सक्सेना ने अपनी श्रेष्ठ कविताओं का गायन भी किया जिनमें में से एक कविता मछलियों के ऊपर भी सुनाई जो उन्होंने मछलियों के जीवन के बारे में लिखी है । यह कविता श्रोताओं को बहुत पसंद आई तथा सभी ने इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की।
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन राजभाषा प्रकोष्ठ के प्रभारी प्रोफेसर डॉ. अर्क वर्मा ने किया ।
संविधान सभा ने दिनांक 14 सितम्बर 1949 को हिन्दी को राजभाषा के रूप में अंगीकार किया और तब से ही इस दिवस की स्मृति में, प्रतिवर्ष 14 सितम्बर ‘हिन्दी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। संविधान सभा द्वारा सौंपे गए संवैधानिक और प्रशासनिक उत्तरदायित्वों एवं संविधान की भावना के अनुरूप तथा प्रेरणा, प्रोत्साहन और सद्भावना की नीति के साथ, राजभाषा हिन्दी का प्रचार-प्रसार करने तथा इसके प्रयोग को बढ़ाने के निरंतर प्रयास किये जाते हैं।
इस क्रम में, संस्थान में दिनांक 14 से 29 सितम्बर 2023 के बीच हिंदी दिवस एवं हिन्दी पखवाड़ा का आयोजन किया गया जिसके अंतर्गत संस्थान के संकाय सदस्यों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों तथा विद्यालय स्तर पर विद्यालय के छात्र/छात्राओं के लिए तीन वर्गों में हिंदी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इन सभी प्रतियोगिताओं का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार से है।
पहला वर्ग (संस्थान के संकाय सदस्य/अधिकारी/कर्मचारी तथा विद्यार्थी)
(दिनांक 18 से 25 सितम्बर 2023)
इस वर्ग में संस्थान के संकाय सदस्यों/अधिकारियों तथा कर्मचारियों के लिए निम्नलिखित प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
श्रुतलेखन प्रतियोगिता (केवल अहिंदी भाषी कर्मचारियों के लिए), कहानी लेखन (चित्र देखकर) प्रतियोगिता, हिन्दी पत्र लेखन प्रतियोगिता, आशुभाषण प्रतियोगिता, जीवन के अविस्मरणीय पल (वाक प्रतियोगिता), सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता
इन प्रतियोगिताओं में संस्थान के सकाय सदस्यों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया । इस सभी प्रतियोगिताओं में संस्थान के लगभग 260 संकाय सदस्यों/अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने भाग लिया।
इस वर्ग में कुल 29 संकाय सदस्यों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अलग-अलग प्रतियोगिताओं के लिए विजेता प्रतिभागियों के रूप में पुरस्कृत किया गया।
विद्यालय वर्ग
विद्यालीय प्रतियोगिताएं (दिनांक 24 सितम्बर 2023)
इस वर्ग में कैंपस स्थित विद्यालयों के छात्रों तथा कैंपस से बाहर स्थित विद्यालयों में पढ़ने वाले संस्थान के कर्मचारियों के बच्चों ने भारी संख्या में अपने पंजीकरण कराये। लगभग 557 बच्चों ने इन प्रतियोगिताओं के लिए अपना पंजीकरण कराया तथा अंतिम रूप से 413 छात्र/छात्राओं ने इन प्रतियोगिताओं में अपनी भागीदारी की।
इस वर्ग में चार अलग- अलग समूह में प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिनका विवरण इस प्रकार से है;
कक्षा 1 से 3 रंजन प्रतियोगिता
कक्षा 4-5 चित्रकला प्रतियोगिता
कक्षा 6-8 निबंध प्रतियोगिता
कक्षा 9 से 12 स्वरचित कविता लेखन प्रतियोगिता
इस वर्ग में कुल 16 छात्र/छात्राओं को अलग-अलग प्रतियोगिताओं के लिए विजेता प्रतिभागियों के रूप में पुरस्कृत किया गया।
संस्थान-विद्यार्थी वर्ग
(दिनांक 26-28 सितम्बर 2023)
इस वर्ग में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के विद्यार्थियों के लिए निम्नलिखित प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया ।
संसदीय वाद विवाद, तर्क प्रतियोगिता, किरदार प्रतियोगिता एवं काव्यांजलि प्रतियोगिता।
इन प्रतियोगिताओं में संस्थान के लगभग 117 विद्यार्थियों ने अपनी सहभागिता की।
इस वर्ग में संस्थान के कुल 37 छात्र/छात्राओं को अलग-अलग प्रतियोगिताओं के लिए विजेता प्रतिभागियों के रूप में पुरस्कृत किया गया।
इन सभी प्रतियोगिताओं के समापन के पश्चात दिनांक 29 सितम्बर 2023 को भव्य रूप में हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया जिसमें अधिष्ठाता प्रशासन तथा कुलसचिव (स्थानापन्न) प्रोफेसर ब्रजभूषण मुख्य अथिति के रूप में उपस्थित हुए तथा समस्त विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया । हिंदी दिवस समारोह के अवसर पर राजभाषा प्रकोष्ठ के प्रभारी प्रोफेसर डॉ. अर्क वर्मा, अधिष्ठाता संसाधन एवं पूर्व छात्र, प्रोफेसर कांतेश बालानी, प्रोफेसर शिखा दीक्षित, प्रोफेसर संतोष मिश्र के साथ साथ संस्थान के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने भारी संख्या में पहुंचकर समारोह की गरिमा बढ़ाई। इस अवसर पर हिंदी पखवाड़ा-2023 आयोजन समिति के सदस्यों एवं निर्णायक मंडल में शामिल सदस्यों को प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।
गाथा के चार वर्ष पूर्ण होने पर, गाथा महोत्सव 2023 का आयोजन राजभाषा प्रकोष्ठ, शिवानी केन्द्र एवं प्रसिद्ध ऑडियो प्लेटफार्म गाथा के संयुक्त तत्वावधान में 23 जुलाई 2023 को किया गया । इस महोत्सव के मुख्य अतिथि संस्थान के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का उद्याटन किया । उद्घाटन समारोह के अवसर पर अधिष्ठाता, प्रशासन प्रोफेसर ब्रजभूषण, अधिष्ठाता संसाधन नियोजन एवं पूर्व छात्र प्रोफेसर कांतेश बालानी, राजभाषा प्रकोष्ठ के प्रभारी प्रोफेसर डॉ अर्क वर्मा तथा गाथा के संस्थापक एवं निदेशक श्री अमित तिवारी उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि राजभाषा प्रकोष्ठ एवं शिवानी केन्द्र मिलकर वर्ष भर समय समय पर साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन करते रहते हैं जिसके माध्यम से परिसरवासियों को साहित्य जगत की हस्तियों से रू-बरू होने का अवसर प्राप्त होता है। गाथा के चौथे संस्करण में साहित्य, सिनेमा, रंगमंच, ललित कला एवं संस्कृति से जुड़े हुए विद्वानों, साहित्यकारों तथा कलाकारों को आमंत्रित किया गया जिन्होंने अपने अनुभव परिसरवासियों के साथ साझा किये। कार्यक्रम में प्रदीप अकादमी के निदेशक डॉ. प्रदीप दीक्षित ने सोशल मीडिया के युग में बौद्धिक और सामाजिक चुनौतियाँ विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि हमें सोशल मीडिया को लेकर अपनी प्राथमिकताएं स्वयं तय करनी है अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब सोशल मीडिया हमारे असली अस्तित्व को खा जाएगा। तत्पश्चात प्रसिद्ध अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा ने अपनी चर्चा के दौरान कहा कि भारत कहानियों का देश है। इस देश में कहानियां बिखरी पड़ी है बस निर्माताओं को शोध तथा मिट्टी से जुड़ने की आवश्यकता है। सिनेमा में मानवीय मूल्यों को यदि जोड़ा जाएगा तो सिनेमा का स्तर निश्चित ही बहुत ऊपर जाएगा। कार्यक्रम के तीसरे सत्र में प्रसिद्ध साहित्यकार अनामिका, कमल मुसद्दी एवं साहित्यकार लता कादम्बिनी जी ने परिचर्चा करते हुए वर्तमान भारतीय परिप्रेक्ष्य में महिला सशक्तिकरण पर चर्चा करते हुए कहा कि सशक्तिकरण जब तक पंक्ति में खड़ी हर महिला तक नहीं पहुंचता तब तक इस तरह की चर्चाएं निरर्थक साबित होंगी । सच्चे अर्थों में सभी अभियान तभी सफल होंगे जब ग्रामीण अंचल में जागरूकता होगी एवं शिक्षा का प्रसार होगा। कार्यक्रम के अगले सत्र में जमील गुलेरिस की अगुवाई में मुंबई से आई कथा कथन की टीम ने मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी ‘कफन’ का सजीव नाट्य रूपांतरण करके सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। अगले सत्र में संस्कृत, नवाचार और प्रगति पर चर्चा करते हुए प्रसिद्ध फिल्म समीक्षक श्री विनोद अनुपम ने कहा कि संस्कृत में प्रगति की अनेकों संभावनाएं हैं, बस उन्हें तलाशने की देर है। प्रख्यात लेखक नवीन चौधरी ने कहा कि संस्कृति की जड़े पकड़े बिना प्रगति की बात करना बेमानी है। हिंदी अकादमी दिल्ली के उपनिदेशक ऋषि कुमार शर्मा जी ने कहा कि नवाचार ऐसा हो कि संस्कृति का मूल बना रहे । संस्कृति का मूल त्याग देने पर नवाचार एव प्रगति दोनों ही बाधित हो जाएंगे। उल्लेखनीय है कि इस सत्र का संचालन संस्थान के यांत्रिक अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर डॉ. समीर खांडेकर ने किया । कार्यक्रम के अगले क्रम में 12 से अधिक चर्चित पुस्तकों की रचयिता सुश्री मनीषा कुलश्रेष्ठ जी से शहकशां के संस्थापक आनंद कक्कड़ जी ने संवाद किया। संवाद के क्रम में मनीषा जी ने कहा कि कोई भी कहानी आपको निश्चित हल नहीं देती है बल्कि वह आपके जीवन के ताने बाने को सुलझाकर आपके सामने ऐसे ला खड़ा कर देती है कि आप चयन कर सकें कि अब जीवन किस दिशा में जाना है। प्रसार भारती के पूर्व निदेशक शशि शेखर वनपति ने मन की बात कार्यक्रम के सौ एपिसोड को विषय बनाकर लिखी गई पुस्तक ‘कलेक्टिव स्पिरिट, कंक्रीट एक्शन’ पर चर्चा करते हुए मन की बात कार्यक्रम के भारतीय समाज पर पड़े प्रभाव पर चर्चा की कि कैसे मन की बात कार्यक्रम ने भारतीय जन जीवन को प्रभावित किया, कैसे लोगों में जागरूकता आई है और किस प्रकार भारतीय समाज अपनी सोच बदल रहा है। वाराणसी से आए अमित श्रीवास्तव ने ‘जटायु की सदगति’ विषय पर नृत्य वाटिका प्रस्तुत कर सभी को सम्मोहित किया । लक्ष्मी देवी ललित अकादमी की टीम ने कविता सिह की अगुवाई में श्रावणी संगीत कजरी सुनाया जिसे दर्शकों ने बहुत ही पसंद किया।
इस कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति में एक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जिसकी अध्यक्षता लब्ध प्रतिष्ठित कवि डॉ शिव ओम अंबर जी ने की। इस कवि सम्मेलन में ख्यातिप्राप्त कवि श्री सर्वेश अस्थाना, शायर श्री अजहर इकबाक तथा कवयित्री डॉ भावना तिवारी जी ने अपनी प्रस्तुतियों से भरी को काव्य का रसास्वादन कराया।
इस कार्यक्रम के अवसर पर प्रोफेसर समीर खांडेकर एवं श्रीमती प्रज्ञा खांडेकर द्वारा एक चित्र प्रदर्शनी भी लगाई गई। सभी अतिथि एवं परिसरवासियों नें इस प्रदर्शनी का देर शाम तक अवलोकन किया एवं इसकी खूब प्रशंसा की ।
संविधान सभा ने 14 सितम्बर 1949 को हिंदी को राजभाषा के रूप में अंगीकार किया और तब से ही इस दिवस की स्मृति में, प्रतिवर्ष 14 सितम्बर ‘हिंदी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। संविधान सभा द्वारा सौंपे गए संवैधानिक और प्रशासनिक उत्तरदायित्वों तथा संविधान की भावना के अनुरूप तथा प्रेरणा, प्रोत्साहन और सद्भावना की नीति के साथ, राजभाषा हिंदी का प्रचार-प्रसार करने तथा इसके प्रयोग को बढ़ाने के निरंतर प्रयास किये जाते हैं।
सितम्बर माह में हिन्दी पखवाड़े 2023 का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत संस्थान-कर्मचारियों के लिए निम्नलिखित प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी। इन सभी प्रतियोगिताओं के सफलतापूर्वक आयोजन में संस्थान के निम्नलिखित कर्मचारियों का सहयोग रहा है। तदनुसार हिंदी पखवाड़ा-2023 के लिए निम्मलिखित आयोजन किए गए।
क्र.सं. | दिनांक | समय | प्रतियोगिता का नाम |
1. | 18.09.2023 | 3 से 4 बजे (अपराह्न) | श्रुतलेखन प्रतियोगिता (केवल अहिंदी भाषी कर्मचारियों के लिए) |
2. | 19.09.2023 | 3 से 4 बजे (अपराह्न) | कहानी लेखन (चित्र देखकर) प्रतियोगिता |
3. | 20.09.2023 | 3 से 4 बजे (अपराह्न) | हिन्दी पत्र लेखन प्रतियोगिता |
4. | 21.09.2023 | 3 से 4 बजे (अपराह्न) | आशुभाषण प्रतियोगिता |
5. | 22.09.2023 | 3 से 4 बजे (अपराह्न) | जीवन के अविस्मरणीय पल (वाक प्रतियोगिता) |
6. | 25.09.2023 | 3 से 4 बजे (अपराह्न) | सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता |
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर में दिनांक 22 अगस्त 2023 को राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा एक पूर्ण दिवसीय राजभाषा हिंदी कार्यशाला का आयोजन अतिथि गृह स्थित पीबीसीईसी कक्ष में किया गया । इस कार्यशाला का उद्घाटन अधिष्ठाता प्रशासन एवं कुलसचिव (स्थानापन्न) प्रोफेसर ब्रज भूषण द्वारा किया गया एवं इसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर के वरिष्ठ हिंदी अधिकारी डॉ. राजीव रावत को अतिथि वक्ता के रुप में आमंत्रित किया गया । इस कार्यशाला का विषय कंठस्थ प्रशिक्षण और आधुनिक कम्प्यूटिंग टूल्स एवं वार्षिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के सहज उपाय / नोटिंग / ड्राफ्टिंग / प्रशासनिक द्विभाषी पत्राचार था । इसमें इस संस्थान के प्रशासनिक अनुभागों के प्रभारी अधिकारी एवं उनके द्वारा नामित कर्मचारियों ने भाग लिया जिनकी कुल संख्या 32 थी । सभी ने इस कार्यशाला को बहुत ही लाभकारी बताया । इस कार्यशाला में राजभाषा प्रकोष्ठ के श्री जगदीश प्रसाद, वरिष्ठ तकनीकी अधीक्षक (अनुवाद) ने सभी का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन किया तथा अंत में हिंदी अधिकारी श्री विजय कुमार पाण्डेय ने इस कार्यशाला के सफल आयोजन हेतु सभी का हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया ।
राजभाषा प्रकोष्ठ , शिवानी केंद्र एवं हिंदी साहित्य सभा द्वारा भारतीय प्रौ. संस्थान कानपुर के व्याख्यान कक्ष-8 मे मुंशी प्रेमचन्द्र की स्मृति मे कहानी वाचन प्रतियोगिता का आयोजन दिनांक 31.07.2023 को कराया गया। जिसके मुख्य अतिथि डॉ ललित सारस्वत और डॉ सुश्रूथ रविश थे।
मुंशी प्रेमचन्द्र जी (31 जुलाई 1880- 8 अक्टूबर 1936), का मूल नाम धनपत राय श्रीव।त्सव था। प्रेमचंद हिंदी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि अनेकों उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं। उन्होंने अपने दौर की सभी प्रमुख उर्दू और हिंदी पत्रिकाओं जमाना, सरस्वती, माधुरी, मर्यादा, चाँद, सुधा आदि में लिखा। उन्होंने हिंदी समाचार पत्र ‘जागरण’ तथा साहित्यिक पत्रिका ‘हंस’ का संपादन और प्रकाशन भी किया । आपका लेखन सदैव साहित्य प्रेमियो के लिए प्रेरणा स्त्रोत रहेगा । प्रेमचन्द्र को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारो मे से एक ‘पदम भूषण’ से शुशोभित किया गया है ।
राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार एवं इसके प्रयोग की गति को बढ़ावा देने के लिए संस्थान के कर्मचारियों के लिए हिन्दी पखवाड़ा का आयोजन किया गया। हिन्दी पखवाड़ा 2022 का आयोजन दो चरणों में हुआ। पहला चरण 16 से 23 सितम्बर 2022 के मध्य सम्पन्न हुआ जिसमें संस्थान के कर्मचारियों ने बड़े ही उत्साहपूर्वक हिन्दी की विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया जबकि दूसके चरण का आयोजन दिनांक 23 से 29 सितम्बर के मध्य हुआ जिसमें विद्यार्थियों ने अप्रत्याशित रूप से भारी संख्या में भाग लिया। दोनों चरणों के तहत आयोजित प्रतियोगिताओं में संस्थान के लगभग 350 कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने भाग किया। उल्लेखनीय है कि कर्मचारियों के लिए आयोजित प्रतियोगिताओं को तकनीकी तथा गैर तकनीकी दो वर्गों में विभाजित किया गया था। हिन्दी पखवाड़े के अंतर्गत निम्नलिखित प्रतियोगिताएं आयोजित की गई जिनमें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वाले विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों को पुरस्कृत किया । प्रतियोगिताओं का विवरण इस प्रकार से है।
कर्मचारी वर्ग
हिन्दी टंकण प्रतियोगिता (लिपिक वर्ग),हिन्दी टंकण प्रतियोगिता (तकनीकी वर्ग), वर्तनी शोधन प्रतियोगिता (हिन्दीत्तर भाषी वर्ग),कहानी लेखन प्रतियोगिता (लिपिक वर्ग),कहानी लेखन प्रतियोगिता (तकनीकी वर्ग),हिन्दी पत्र लेखन प्रतियोगिता (लिपिक वर्ग), हिन्दी पत्र लेखन प्रतियोगिता (तकनीकी वर्ग),आशुभाषण प्रतियोगिता,अनुवाद प्रतियोगिता (लिपिक वर्ग),अनुवाद प्रतियोगिता (तकनीकी वर्ग), सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता
विद्यार्थी वर्ग
काव्यांजलि प्रतियोगिता,कहानी लेखन प्रतियोगिता,तर्क प्रतियोगिता,संसदीय वाद-विवाद प्रतियोगिता, प्रथम पुरस्कार (टीम सानिध्य),द्वितीय पुरस्कार (टीम अंजलि),तृतीय पुरस्कार (टीम हर्ष)
दिनांक 30 सितम्बर 2022 को हिन्दी दिवस समारोह का भव्य आयोजन किया गया । हिन्दी दिवस समारोह के अवसर पर अपने संबोधन में निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर ने संस्थान के संकाय सदस्यों एवं अनुसंधानकर्ताओं से आह्वान किया कि वे हिन्दी को प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी की भाषा बनाने की दिशा में प्रयास करें ताकि हिन्दी आसानी से सभी लोगों तक पहुंच सके जिससे हिन्दी का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार एवं प्रयोग हो सके। हिन्दी दिवस समारोह के अवसर पर प्रभारी प्रोफेसर (राजभाषा प्रकोष्ठ) डॉ अर्क वर्मा ने गृह मंत्री जी के संदेश का वाचन किया जबकि कुलसचिव श्री कृष्ण कुमार तिवारी ने शिक्षा मंत्री जी के संदेश का वाचन किया। हिन्दी दिवस के अवसर पर संस्थान के प्रोफेसर डॉ संतोष कुमार मिश्र, श्री राजेश कुमार श्रीवास्तव, श्रीमती शिप्रा सिंह, श्री रामजीत यादव के अतिरिक्त विद्यार्थियों ने अपने काव्य पाठ से सभी उपस्थितजनों को आनंदित किया । इस अवसर पर डॉ. कांतेश बालानी, डॉ. अर्क वर्मा, कुलसचिव श्री कृष्ण कुमार तिवारी के अतिरिक्त संस्थान के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिन्दी दिवस समारोह में भाग लिया।
दिनांक 14 से 16 अक्टूबर 2022 के मध्य संस्थान के राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा हिन्दी लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन किया गया। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में हिन्दी साहित्य से संबंधित कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिनका विवरण तिथिनुसार निम्नवत् है।
14 अक्टूबर (शिवानी- जीवन परिचय, साहित्यावलोकन-शिवानी का व्यक्तित्व और उनका रचनाकर्म, साहित्य की सतरंगिनी: शिवानी, काव्य संध्या)
15 अक्टूबर (हर दिल के कोने से, एक परिचर्चा- आज के दौर में साहित्य की प्रासंगिकता, शाम-ए-कहानी, शिवानी जी- अपने पाठकों की नज़र में)
16 अक्टूबर ( द्दिदी पर बातचीत- शिवानी जी अपने बच्चों के चश्में से, अपराधिनी, महा कवि सम्मेलन- कुछ अल्फ़ाजों की परवाज़)
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन
संस्थान राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा दिनांक 5 जनवरी 2023 को एक अखिल भारतीय कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया। इस अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देश के कई लब्धप्रतिष्ठ कवियों जैसे श्री नरेश सक्सेना, श्री राजेश रेड्डी, श्री यश मालवीय, श्रीमती अनिता वर्मा, श्रीमती सुशीला पुरी, श्री शोएब निज़ाम, श्री पंकज चतुर्वेदी, श्री अमृतांशु शर्मा, श्री सुभम श्याम एवं श्री व्योमेश शुक्ल ने अपनी श्रेष्ठ रचनाओं का वाचन किया। इस अवसर पर राजभाषा प्रकोष्ठ के प्रभारी प्रोफेसर डॉ. अर्क वर्मा ने सभी कवियों को पुष्पगुच्छ एवं प्रतीक चिह्न देकर उनका सम्मान एवं स्वागत किया। परिसरवासियों एवं विद्यार्थियों ने बड़े ही उत्साह के साथ इस कवि सम्मेलन में अपनी भागीदीरी की तथा कवि सम्मेलन का लुत्फ़ उठाया।
पैनल परिचर्चा
दिनांक 11 जनवरी 2023 को संस्थान राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी दिवस के अवसर पर ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी शिक्षा’ को हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराने में आने वाली कठिनाइयां एवं उनका समाधान’ विषय पर एक पैनल परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में संस्थान के प्रोफेसर आदित्य केलकर, प्रोफेसर मनोज हरबोला, प्रोफेसर अविनाश कुमार अग्रवाल, प्रोफेसर नचिकेता तिवारी, प्रोफेसर अर्नब भट्टाचार्य, तथा केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य श्री आर सी पाण्डेय के साथ साथ दिल्ली पब्लिक स्कूल कल्याणपुर की प्रधानाचार्य श्रीमती अर्चना निगम जी ने भाग लिया।
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन
राजभाषा प्रकोष्ठ, शिवानी सेंटर, छात्र हिंदी साहित्य सभा एवं गाथा के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 5 जनवरी 2023 को एक अखिल भारतीय कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया। इस अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देश के लब्ध प्रतिष्ठ कवियों माननीय श्री नरेश सक्सेना, श्री राजेश रेड्डी, श्री यश मालवीय, श्रीमती अनिता वर्मा, श्रीमती सुशीला पुरी, श्री शोएब निजाम, श्री पंकज चतुर्वेदी, श्री अमृतांशु शर्मा, श्री सुभम श्याम एवं श्री व्योमेश शुक्ल ने अपनी श्रेष्ठ रचनाओं का वाचन किया। इस अवसर राजभाषा प्रकोष्ठ के प्रभारी संकाय डॉ. अर्क वर्मा एवं शिवानी सेंटर के प्रधान अन्वेषक डॉ. कांतेश बालानी ने सभी कवियों को पुष्पगुच्छ एवं प्रतीक चिह्न देकर उनका सम्मान एवं स्वागत किया। परिसरवासियों एवं विद्यार्थियों ने बड़े ही उत्साह के साथ इस कवि सम्मेलन में अपनी भागीदीरी की तथा कवि सम्मेलन का लुत्फ उठाया।