IIT कानपुर के सेंटर फॉर एनर्जी रेगुलेशन (CER) ने आयोजित किया तीसरा ‘रेगुलेटरी मंथन’ – बिजली (संशोधन) विधेयक 2025 पर हुई चर्चा
Kanpur , 3 November 2025
Source: Information and Media Outreach Cell, IIT Kanpur
कानपुर, 3 नवंबर 2025: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के प्रबंधन विज्ञान विभाग के सेंटर फॉर एनर्जी रेगुलेशन (CER) ने हाल ही में “बिजली (संशोधन) विधेयक, 2025” पर केंद्रित तीसरे रेगुलेटरी मंथन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के विद्युत क्षेत्र पर इस विधेयक के प्रमुख प्रावधानों और संभावित प्रभावों पर चर्चा के लिए नियामकों, नीति निर्माताओं, विधिक विशेषज्ञों और उद्योग जगत के अग्रदूतों को एक मंच पर लाना था।
कार्यक्रम की शुरुआत CER टीम द्वारा स्वागत संबोधन से हुई। इसके बाद, CER एवं EAL के संस्थापक और समन्वयक प्रो. अनूप सिंह ने “बिजली (संशोधन) विधेयक, 2025” का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया और सत्र का संचालन किया।
पैनल चर्चा में कई प्रतिष्ठित विशेषज्ञ शामिल थे, जिनमें श्री वी. पी. राजा, आईएएस (सेवानिवृत्त), पूर्व अध्यक्ष, महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग; सुश्री मंजू गुप्ता, कार्यकारी निदेशक (वाणिज्य), पावरग्रिड; श्री अभिषेक रंजन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, बीएसईएस राजधानी; श्री बडी ए. रंगनाथन, वरिष्ठ अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यायालय; श्री चिलुकमारी चक्रपाणि, निदेशक, टीजीएसपीडीसीएल; श्री प्रशांत वर्मा, निदेशक (वाणिज्य), यूपीपीसीएल; सुश्री परमीता साहू, प्रमुख, नीति वकालत, टाटा पावर; और श्री शांतनु दीक्षित, सदस्य, ऊर्जा समूह, प्रयास (पुणे) शामिल रहे।
चर्चा के दौरान विशेषज्ञों ने विशेष रूप से बिजली खुदरा आपूर्ति में प्रतिस्पर्धा लाने के लिए साझा नेटवर्क की व्यवस्था, विनिर्माण, रेलवे और मेट्रो रेल जैसे बड़े उपभोक्ताओं (1 मेगावॉट से अधिक) के लिए क्रॉस सब्सिडी को चरणबद्ध रूप से समाप्त करने जैसे मुद्दों पर अपने विचार साझा किए।
इसके अलावा, टैरिफ निर्धारण प्रक्रिया की समयसीमा, विद्युत नियामक आयोगों (ERCs) के सदस्यों की नियुक्ति एवं निष्कासन से संबंधित प्रावधान, केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय के लिए प्रस्तावित इलेक्ट्रिसिटी काउंसिल की स्थापना, तथा राइट ऑफ वे (Right of Way) से जुड़े पहलुओं पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
रेगुलेटरी मंथन श्रृंखला, CER की भारत के ऊर्जा क्षेत्र में साक्ष्य-आधारित नीतिनिर्माण और सूचित संवाद को प्रोत्साहित करने की सतत प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो देश के ऊर्जा संक्रमण को दिशा देने में सहायक है।
आईआईटी कानपुर के बारे में
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर, जिसकी स्थापना 1959 में संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी, को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त होने का गौरव प्राप्त है। विज्ञान और अभियांत्रिकी शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए विख्यात, आईआईटी कानपुर ने दशकों से अनुसंधान और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसका विशाल, हरा-भरा परिसर 1,055 एकड़ में फैला है और इसमें शैक्षणिक और अनुसंधान संसाधनों की एक समृद्ध श्रृंखला मौजूद है। संस्थान में 20 विभाग, 27 केंद्र, तीन अंतःविषय कार्यक्रम और इंजीनियरिंग, विज्ञान, डिज़ाइन, मानविकी और प्रबंधन विषयों में तीन विशिष्ट स्कूल शामिल हैं। 570 से अधिक पूर्णकालिक संकाय सदस्यों और 9,500 से अधिक विद्यार्थियों के साथ, आईआईटी कानपुर नवाचार और शैक्षणिक दक्षता को बढ़ावा देने में अग्रणी बना हुआ है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया देखें: www.iitk.ac.in