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आई आई टी कानपुर में 1968 से स्थापित सेंट्रल ग्लास ब्लोइंग सेक्शन (CGBS) लैब को ग्लास और क्वार्ट्ज उपकरण के डिजाइन और निर्माण में विशेषज्ञता प्राप्त है, और देश में वैज्ञानिक ग्लास ब्लोइंग में अग्रणी लैबों में से एक है। लैब आम तौर पर एक वर्ष में 5000 से अधिक कामों(ऑर्डर्स) को संभालती है, जिसमें जटिल डिजाइन शामिल हैं और देश भर के अन्य संस्थानों के लिए विशेष कार्य करने के अलावा 7 से अधिक विभागों की जरूरतों को पूरा करता है। वैक्यूम और गैस सील उपकरण और विशेष जल सुविधा (एसडब्ल्यूएफ) को 2015 में प्रयोगशाला में जोड़ा गया था। लैब के विस्तार के लिए अनुदान संस्थान द्वारा प्रदान किया गया था और 17 फरवरी 2015 को प्रो० इंद्रनील मन्ना, तत्कालीन निदेशक, आईआईटी कानपुर द्वारा उद्घाटन किया गया था। इस खंड को 2015 में सभी पहलुओं में पूरी तरह से पुनर्निर्मित किया गया था और आधुनिकीकरण अनुभाग का प्रो० पी.के. भारद्वाज विभागाध्यक्ष (HOD), रसायन विज्ञान, आई आई टी कानपुर द्वारा अनावरण किया गया था। । सेंट्रल ग्लास ब्लोइंग सेक्शन और स्पेशल वाटर फैसिलिटी (CGBS & SWF) के नवनिर्मित वर्कशॉप का उद्घाटन आई. आई. टी. कानपुर के उप निदेशक प्रो० एस० गणेश द्वारा 8 दिसंबर 2020 (मंगलवार) सुबह 10:30 बजे किया गया जिसमें मुख्य रूप से प्रो० ए.आर. हरीश, डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट (डीओआरडी), प्रो० समीर खांडेकर (एचओडी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग) और प्रो० कांतेश बलानी (एचओसी, एसीएमएस) प्रो० आनंद सुब्रमण्यम के साथ उपयोगकर्ता समिति और कर्मचारी, सीजीबीएस और एसडब्ल्यूएफ आईआईटी कानपुर इस अवसर पर उपस्थित थे। पांच स्टाफ सदस्य वर्तमान में लैब टीम का हिस्सा हैं और यह उल्लेखनीय है कि उनमें से दो को क्रमशः 2016 और 2018 में अनुकरणीय और समर्पित सेवा के लिए मेरिट पुरस्कार मिला है। सेंट्रल ग्लास ब्लोइंग सेक्शन आई आई टी कानपुर के मॉडल से आईआईटी रुड़की और आई.आई.टी. धनबाद के ग्लास ब्लोइंग सेक्शन प्रेरित है। |