प्रेरक व्याख्यान श्रृंखला की श्रृंखला में लेफ्टिनेंट जनरल ए अरुण, वाईएसएम, एसएमवीएसएम के जनरल ऑफिसर कमांडिंग दक्षिण भारत क्षेत्र, ने आईआईटी कानपुर के छात्रों को संबोधित किया

 

   

आईआईटी कानपुर में एनसीसी, ऑफिसर-इन-चार्ज, कर्नल अशोक मोर ने अतिथि वक्ता का स्वागत करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल ए अरुण, युद्ध सेवा पदक (वाईएसएम), सेना पदक (एसएम), विशिष्ट सेवा पदक (वीएसएम) प्राप्तकर्ता का छात्रों से परिचय कराया ।


कर्नल अशोक मोर ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल ए अरुण जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, लेफ्टिनेंट जनरल ए अरुण, वीरता के लिए सेना पदक, संघर्ष में उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए युद्ध सेवा मैडल( YSM) और विशिष्ट नेतृत्व और उत्कृष्ट सेवा के लिए विशिष्ट सेवा मैडल( VSM) और उत्कृष्टता के लिए नॉर्थ स्टार मेडल के अलावा चार सीओएएस कमेंडेशन के प्राप्तकर्ता हैं ।


लेफ्टिनेंट जनरल ए अरुण ने छात्रों को अपने संबोधन में कहा कि “मैं दुनिया के सबसे अच्छे और प्रतिभाशाली लोगों से बात कर रहा हूं। जो कि आप सभी हैं और आपको भी ये विश्वास करने की आवश्यकता है।



मैं आपको एक कहानी बताऊंगा और आप जो चाहें उससे ले सकते हैं। मैं एक यूनिट का सेकंड-इन-कमांड था और जब भी मेरा सीओ छुट्टी पर होता था और मैं सीओ की ड्यूटी करता था, तो उस समय अगर जैसे लैंड स्लाइड, कोई वाहन/चीज पहाड़ी से गिरती है या कोई घायल हो जाता है आदि। उन सब के लिए ब्रिगेड कमांडर मुझे बहुत कटु वाक्य भी सुना देगा लेकिन हमें साथ मिलकर काम करना होता है क्योंकि हो सकता है कि उसी समय हम काउंटर टेरेरिस्ट ऑपरेशन आयोजित करना पड़े, जिसमें बहुत सारे परिणाम होंगे। तो ऐसे समय पर आपके सकारात्मक कार्यों को देखकर आपकी उन छोटी गलतियों को भुला दिया जाता है ।


उन्होंने कहा कि नेता बनाये जाते हैं। आप खुद को टेक्नोक्रेट, सीईओ बनाने के बारे में सोच सकते हैं। नेतृत्व का मतलब है जिम्मेदारी। जब आप आईआईटी कानपुर के एक लोगो की टी-शर्ट पहन कर बाहर निकलते हैं, तो आप आईआईटी कानपुर का प्रतिनिधित्व करते हैं, इस तरह आप अपने संस्थान के प्रतिनिधि हैं। जो भी शोध या चीजें जो आप बाहर की दुनिया के लिए बना सकते हैं आदि, ये सभी चीजें आईआईटी कानपुर के ब्रांड निर्माण में मदद करती हैं। तो, यह आप है जो आई आई टी कानपुर के प्रतिनिधि है, जो की कोई और नहीं हो सकता है । एक अच्छे प्रतिनिधि बनें और अपने संस्थान को गौरवान्वित करें।


प्रत्येक टीम के सदस्य को यह विश्वास होना चाहिए कि वे उस कंपनी के मालिक हैं जिसे आप बनाते हैं या जिसका एक हिस्सा हैं। जिम्मेदारी सौंपना भी एक बड़ा पहलू है, अपने टीम मेम्बेर्स को कंपनी में जिम्मेदारी को सौंपें, अपनी टीम को महसूस कराएं कि वे इसका हिस्सा हैं। मैं आपको उद्यमी, नेता या एक बड़ी फर्म के अच्छे कर्मचारी के रूप में देखता हूं। या तो आप एक कंपनी चलाते हैं या किसी चीज का उत्पादन करते हैं, वह अति उत्कृष्ट होगी क्योंकि आप ऐसा करने में सक्षम हैं । हमेशा सक्षम व्यक्ति को उसके स्तर का काम दें और ये सब आप थोड़े से अनुभव के साथ सीखेंगे। निर्णय लेने में परिश्रम का उपयोग करें। अपनी टीम की क्षमता और आपके लिए उपलब्ध संसाधनों को जानें। टीम निर्माण के महत्व पर जोर दें और यहां तक कि ऑनलाइन कक्षाओं के समय में भी दोस्त बनाएं।


यदि आप व्यस्त हैं, तो भी 30 मिनट के लिए शारीरिक व्यायाम करें। एक अच्छा शरीर एक अच्छे दिमाग को तेजी से सोचने में मदद करता है।


मैंने JEE में 13 वीं रैंक प्राप्त की और IIT चेन्नई ज्वाइन कर लिया लेकिन मैंने आई आई टी चेन्नई छोड़ दिया और NDA में शामिल हो गया। क्योंकि सेना नौकरी या पेशा नहीं बल्कि जीवन का एक तरीका है, जहां आप और आपकी टीम राष्ट्र के लिए और एक-दूसरे के लिए अपनी जान देने के लिए तैयार हैं।


कल की कल्पना करें और समाधान के बारे में सोचें और योजनायें बनायें जैसा की लीडर करते हैं।


उन्होंने कहा कि उन्हें आई आई टी कानपुर के छात्रों से बात करके गर्व की अनुभूति हुयी, उन्होंने छात्रों को शुभकामना दीं और कहा कि आप राष्ट्र के लिए अच्छा करो अपने लिए अच्छा करो… जय हिंद।

 

 

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