आईआईटी कानपुर में प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए प्रेरक व्याख्यान की श्रृंखला में, इस बार अतिथि वक्ता थे, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी

 

   

एक सैनिक गोलियों की बौछार में क्यों चलता है?


आईआईटी कानपुर में प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए प्रेरक व्याख्यान की श्रृंखला में, इस बार अतिथि वक्ता थे, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, अतिविशिष्ट सेवा मेडल (AVSM), उप प्रमुख भारतीय सेना, सैनिक स्कूल, रीवा के पूर्व छात्र। उन्हें राइजिंग स्टार कॉर्प्स की कमान संभालने का सम्मान प्राप्त है।


आईआईटी कानपुर में एनसीसी के ऑफिसर-इन्चार्ज कर्नल अशोक मोर ने अतिथि वक्ता का स्वागत किया, और संस्थान के छात्र सिद्धार्थ गोविल ने अतिथि वक्ता जनरल उपेंद्र द्विवेदी, अतिविशिष्ट सेवा मेडल (AVSM), उप प्रमुख भारतीय सेना का परिचय अन्य छात्रों से कराया l जनरल आईएमए में प्रशिक्षक रहे हैं, सेशेल्स सरकार के सैन्य सलाहकार, यूएसए में एनडीसी में भाग लिया। उन्होंने रक्षा और प्रबंधन अध्ययन में एम-फिल किया है, सामरिक अध्ययन में दो परास्नातक हैं जिनमें से एक यूएस आर्मी वॉर कॉलेज से है।



लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने छात्रों को अपने संबोधन में कहा, "जून का महीना भारतीय सेना के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण है, 1987 में 23 जून को सियाचिन में बाना पोस्ट बनाया गया था। 1999 में इसी महीने कारगिल युद्ध और ऑपरेशन विजय और पिछले साल इसी महीने में गलवान घाटी संघर्ष हुआ था।


भारतीय कार्यवाही / बहादुरी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, केसरी फिल्म में, 21 सिखों ने अफगान आदिवासियों के खिलाफ सारागढ़ी किले की रक्षा की और अंत में अमर हो गए। बॉर्डर फिल्म में सनी देओल के रूप में मेजर चांदपुरी ने एक पाक हमले का सामना किया और पूरी रात किले को अपने कब्जे में रखा जब तक कि सुबह हवाई सहायता नहीं पहुँची (आसल उत्ताड़ का युद्ध) l 1962 में रेजांग-ला, 13 कुमाऊं रेजीमेंट, के मेजर सोमनाथ शर्मा और कम्प्लीट कंपनी ने अपनी स्थिति नहीं छोड़ी और उनकी लाशें हाथ में बंदूकें लिए मिलीं। उन्होंने छात्रों को बताया कि, कैप्टन विक्रम बत्रा, परम वीर चक्र (पीवीसी) के दो उद्धरण क्यों इतने प्रसिद्ध हुए। ये दिल मांगे मोर और अपनी मां को संदेश - मां, या तो मैं तीरंगे को लहरा कर आऊंगा या लिपटकर"। सेना में नाम - नमक - निशान - एक सामान्य विषय था और है।


श्रीलंका में लिट्टे( LTTE) के खिलाफ ऑपरेशन पवन, में एक सिख रेडियो ऑपरेटर ने एक रॉकेट लॉन्चर के हमले से एक ईसाई कंपनी कमांडर की रक्षा की, और उसकी मरणासन्न इच्छा थी कि "कृपया सुनिश्चित करें कि मेरी बहन की शादी हो जाए"। ऑपरेशन पवन से वापस लौटने पर सिपाही की बहन का विवाह सिख लाइट इन्फैंट्री रेजीमेंट के एक सिपाही से हो गया और पूरी व्यवस्था रेजीमेंट ने ही कर दी।


ऐसा क्यों है कि जीवन की सभी सुरक्षा की दरकिनार करते हुए बहादुरी हुई? यह बढ़ते क्रम में परिचितता, जीवन भर का विश्वास, निर्विवाद और निस्संदेह बहादुरी की डिग्री के कारण है। स्टॉफ़र – द्वितीय विश्वयुद्ध (WW2) "एक सैनिक मुख्य रूप से अपने साथियों द्वारा और दूसरा अपने हथियार द्वारा संचालित होता है"।


हर सफल कहानी में हमेशा एक दोस्त प्रणाली या एक टीम होगी।


वॉल्ट डिज़्नी - रोब डिज़्नी
बिल गेट्स - पॉल एलन
स्टीव जॉब्स - स्टीव वोज्नियाकी
सचिन बंसल - बिन्नी बंसल


लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने छात्रों को कहा कि, भारतीय सेना में आप किसी के दोस्त होते हैं और कोई आपका । यह टीम वर्क है जो पहले दिन से मायने रखता है। सेना में यूनिट धर्म, आधिकारिक धर्म है, उन्होंने बताया कि,जब मैं युवा अधिकारी के रूप में यूनिट में शामिल हुआ, तो मेरे साथी ने मुझसे पूछा "साहब कुल देवी की फोटो है आप के पास"?। मैं नहीं जानता कि क्या कहूं। उन्होंने कहा कि सभी की देवी में आस्था है। उन्होंने मुझे यूनिट की आस्था वाली कुल देवी की एक तस्वीर भेंट की। फोटो तभी से गीता के साथ मेरी भक्ति और मंदिर का हिस्सा बन गयी।


सभी युद्ध स्मारकों में, आप उद्धरण लिखा देखेंगे "जब आप वापस जाते हैं तो उन्हें बताएं कि हमने अपना आज, आपके कल के लिए दिया है। नाटो सैनिकों की तुलना में एक भारतीय सैनिक पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) से पीड़ित नहीं है। क्या अंतर है ? यह मूलभूत प्रशिक्षण लोकाचार से शुरू होता है। यह एक युवक का सैनिक में परिवर्तन है। इकाई की पहचान और टीम भावना हावी हो जाती है। समूह की गतिशीलता से भी बहुत कुछ जुड़ा हुआ है, सभी के लिए सजा, चाहे किसी ने भी गलती की हो। यह सभी के लिए अपनेपन और प्रतिबद्धता की भावना पैदा करता है। एक प्रशिक्षक तब सफल होता है जब वह समूह गतिशीलता या एक के लिए सभी, और सभी के लिए एक की भावना को प्रेरित करने में सक्षम होता है।


कारगिल युद्ध युवा अधिकारियों के गतिशील नेतृत्व का प्रमाण है। -30C से -50C के चरम तापमान में जहां सब कुछ जम जाता है ऐसे में एक उद्धरण देखा जा सकता है "जब सब कुछ जम जाता है साहस चलता है"। भारतीय सेना में सभी को बांधे रखने के लिए रेजिमेंटल लोकाचार सबसे तनावपूर्ण वातावरण में सामूहिक प्रेरणा भावनात्मक तालमेल और सुरक्षा देता है।


गलवान घाटी संघर्ष में, 16 बिहार रेजिमेंट के कर्नल संतोष बाबू पूरे भारत के लिए एक उदाहरण हैं। कर्नल बाबू तेलंगाना से थे, उनके सैनिक बिहार और झारखंड से थे और उनका युद्ध घोष, जय बजरंग बली है। युद्ध के बाद उनके द्वारा किया गया कृत्य सभी के सामने है, चीनी भाग खड़े हुए।


ऐसे कई उदाहरण हैं जिनने पांच से छह पीढ़ियों ने एक ही यूनिट में या देश में तीनों रक्षा बलों में से किसी एक में सेवा की है। आज तीनों सेना प्रमुख, रक्षा बलों की दूसरी या तीसरी पीढ़ी के हैं। वे परिवार और सेना की परंपराओं को अपने में रखते हैं और यही हमें एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में बांधे रखता है।


आई आई टी (IIT) के छात्र के रूप में आप कैसे अपना योगदान दे सकते हैं या इससे कैसे कुछ प्राप्त कर सकते हैं? मैंने इसे आप सभी के लिए 7T(तकनीक) में संकलित किया है:

  • सामान्य विषय-विशिष्टता

  • प्रतिभा पहचान।

  • प्रतिभा के विकास के लिए पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर स्थान प्रदान करना।

  • टीम वर्क संस्कृति अनुशासन और लोकाचार का निर्माण करें।

  • कार्य सिद्धि गैर-परक्राम्य है

  • विश्वास कुंजी है

  • सभी के लिए सहिष्णुता पहल और मान्यता को अनुमति देती है।

उन्होंने कहा कि, रक्षा मंत्रालय में रक्षा सचिव डॉ अजय से लेकर डीआरडीओ टीम में आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्रों ने संगठनों और जीवन के अन्य क्षेत्रों में रक्षा बलों के लिए बहुत कुछ किया है। प्रौद्योगिकी आज युद्धों को रोक सकती है जिसके परिणामस्वरूप आने वाले समय में नागरिक और सैन्य हताहतों की संख्या में कमी आ सकती है और युद्ध को दूर रखने के लिए आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग किया जा सकता है। अंत में मिशन मंगल से उद्धृत पेश करते हुए छात्रों से कहा कि, - "मेरे वैज्ञानिक बनने का कोई मतलब नहीं है ... अगर मेरा विज्ञान मेरे देश के काम ना आए"। भारत के शीर्ष दिमाग होने के नाते आप सभी के लिए भी यही बात लागू होती है।


लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने छात्रों और आई आई टी कानपुर बिरादरी को संबोधित करने के अवसर के लिए धन्यवाद दिया। छात्र मामलों के डीन डॉ. सिद्धार्थ पण्डा ने इस प्रेरक व्याखान के लिए स्पीकर को धन्यवाद ज्ञापित किया ।

 

 

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