समस्त आई आई टी संस्थानों में अनुसंधान और नवाचार के अवसरों पर पैनल चर्चा

 

   

यह चर्चा दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) के लिए भारत में डॉक्टरल फैलोशिप के लिए आयोजित एक ऑनलाइन शिखर सम्मेलन का हिस्सा थी।


कानपुर, यूपी: प्रो० अभय करंदीकर, निदेशक आईआईटी कानपुर ने 13 मार्च को आयोजित ऑनलाइन डीआईए (आसियान के लिए भारत में डॉक्टोरल फेलोशिप) के एक भाग के रूप में आईआईटी में अनुसंधान और नवाचार के अवसरों पर एक ऑनलाइन पैनल चर्चा में भाग लिया।ऑनलाइन शिखर सम्मेलन का फोकस 2019 में माननीय प्रधान मंत्री द्वारा घोषित आसियान फैलोशिप को लोकप्रिय बनाना था, आसियान छात्रों को आईआईटी प्रणाली में अधिक जानकारी देना और आसियान और आईआईटी के बीच संयुक्त गतिविधि को बढ़ावा देना था।


इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ० के सिवन, इसरो इंडिया के अध्यक्ष और कार्यक्रम में मुख्य भाषण श्री रोनोजॉय दत्ता, सीईओ इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड और यूनाइटेड एयरलाइंस के पूर्व सीईओ द्वारा दिया गया था।



उद्घाटन समारोह के बाद पैनल चर्चा हुई, जिसमें आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो० वी० रामगोपाल राव सहित कई आईआईटी के निदेशकों और संकाय सदस्यों ; प्रो० नितिन त्रिपाठी, एशियाई प्रौद्योगिकी संस्थान, थाईलैंड; प्रो० आर.वी. राजा कुमार, निदेशक, आईआईटी भुवनेश्वर और प्रो० स्वाति पाटनकर डीन ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस, आईआईटी बॉम्बे ने भाग लिया । आई आई टी में अनुसंधान और नवाचार के माहौल पर गहराई से चर्चा की गई और यह भी बताया कि आवासीय परिसर सभी छात्रों के लिए सीखने के बेहतरीन अवसर प्रदान करते हैं। प्रो० अभय करंदीकर ने आईआईटी में डिजिटल समावेशन के लिए 5 जी सहित सस्ती तकनीक में अनुसंधान के बारे में लम्बी चर्चा करते हुए बताया कि कैसे आई आई टी संस्थानों में पीएचडी के लिए छात्रों द्वारा यहां किए गए कार्यों को से वो अपने गृह देश में भी आवेदन प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने आईआईटी कानपुर में एक छात्र के रूप में अपने अनुभवों को सभी के साँझा किया और छात्रों को आईआईटी में अध्ययन करने के लिए चुनने के लाभों के साथ कई सुझाव दिए ।


उन्होंने कहा कि "भारतीयों के सामने आने वाली समस्याओं में से कुछ अन्य दक्षिण एशियाई देशों में लोगों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याएं भी हैं, इसलिए उस दृष्टिकोण से, आईआईटी में अब जो शोध और नवाचार हो रहा है, वह न केवल अत्याधुनिक और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी है बल्कि इन राष्ट्रों की समस्याओं को भी संबोधित करने वाले भी हैं । इस सत्र के बाद छात्रों को आईआईटी संस्थानों द्वारा प्रदान की जाने वाले उद्यमिता और नवाचार समर्थन पर एक और पैनल चर्चा हुई।


डीआईए ऑनलाइन शिखर सम्मेलन भावी छात्रों के लिए संकाय से सीखने का एक शानदार अवसर था और आईआईटी के पूर्व छात्रों को इस बात के लिए सम्मानित किया गया कि कैसे संस्थान उत्कृष्ट शिक्षण का समर्थन करते हैं और छात्रों के बीच अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करते हैं।

 

 

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