हिं En

निदेशक, आईआईटी कानपुर का संदेश

हर वर्ष, भारत के विभिन्न राज्यों से लगभग 3000 छात्र आई आई टी कानपुर में प्रवेश पाते हैं। ये छात्र विविध भाषाई और आर्थिक पृष्ठभूमि का प्रतिनिधित्व करते हैं। अनेक छात्रों को अंग्रेजी भाषा में शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाई होती है, क्योंकि उच्च शिक्षा के सभी क्षेत्रों में अंग्रेजी का ही उपयोग किया जाता है। इस चुनौती का समाधान करने के लिए, आई आई टी कानपुर ने 2021 में शिवानी केंद्र की स्थापना की। यह केंद्र हमारे प्रतिष्ठित पूर्व छात्र, श्री मुक्तेश (मिकी) पंत जी के उदार समर्थन और अग्रदृष्टि से स्थापित किया गया है। शिवानी केंद्र का मुख्य उद्देश्य विविध लोक भाषाओं से आने वाले छात्रों को शैक्षिक क्षेत्र में सहज संक्रमण, तकनीकी सहायता एवं हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में रचनात्मक प्रयासों के लिए प्रोत्साहन प्रदान करना है। केंद्र की स्थापना के बाद से, विभिन्न प्रकार की बौद्धिक रूप से प्रेरक कार्यशालाओं, संगोष्ठियों और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर, मैं, इस संस्थान की तरफ से हमारे सम्मानित पूर्व छात्र, श्री मिकी पंत जी का उनके उदार दान के लिए हृदय से धन्यवाद करना चाहता हूँ। उन्होंने न केवल शिवानी केंद्र की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, बल्कि आई आई टी कानपुर के गंगवाल मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी स्कूल और यदुपति सिंहानिया सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की स्थापना में भी उदार समर्थन प्रदान किया है। श्री मिकी पंत जी ने गंगवाल स्कूल के सलाहकार मंडल में सेवा भी की है और संस्थान के लिए एक अम्बैसडर के रूप में आई आई टी कानपुर को नए शैक्षिक और उद्योग संबंधों का एक बड़ा नेटवर्क विकसित करने में सहायता भी प्रदान की है। श्री मिकी पंत जी,आपके अटूट समर्थन के लिए धन्यवाद।

शिवानी केंद्र के संचालन समिति का संदेश

हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं के संपोषण एवं समन्वय के लिए स्थापित शिवानी केंद्र आईआईटी कानपुर आनेवाले छात्रों को सौम्य वातावरण प्रदान करने की दिशा में एक केंद्र बिंदु के रूप में कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। शिवानी केंद्र का उद्देश्य दूरस्थ स्थानों से आने वाले आईआईटी कानपुर के छात्रों के साथ सक्रिय रूप से जुड़कर भाषा के स्तर पर सहायता प्रदान करना है। साथ ही समानांतर गतिविधि के रूप में शिवानी केंद्र हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं में शैक्षणिक सामग्रियों को बनाने अथवा अनुवाद करने के लिए संकाय सदस्यों और ट्यूटर्स को समान रूप से प्रेरित करता है और शैक्षणिक सामग्री के अनुवाद और निर्माण गतिविधि से ये अपेक्षित होता है कि अंग्रेजी भाषा में शैक्षिक गतिशीलता के कारण निर्मित अथवा अनुदित शैक्षिक सामग्रियों में मौलिक अवधारणाओं के भंडार का क्षरण न हो। इसके अलावा, संचालन समिति, दूरस्थ स्थानों से आनेवाले छात्रों को भाषायी असुविधा के कारण होने वाले नुकसान को निम्नतम करने के लिए, इन-क्लास सीखने और अवधारणाओं को प्रभावी ढंग से समझने के लिए द्विभाषी मोड में शिक्षण को भी बढ़ावा देगी।

कार्यशालाओं, पुस्तक मेलों, संगोष्ठियों और कार्यक्रमों का आयोजन भी शिवानी केंद्र का प्रमुख उद्देश्य है ताकि हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं के समृद्ध साहित्य-भंडार एवं रचनात्मक संस्कृति से सभी परिचित हो सकें एवं उसका लाभ उठा सकें। इसके अलावा, विभिन्न इन-हाउस प्रतियोगिताओं के माध्यम से भी भाषायी रचनात्मकता को बढ़ावा मिलेगा तथा हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं में वैचारिक आदान-प्रदान के समय गर्व और आत्मविश्वास की अनुभूति होगी।

शिवानी केंद्र तकनीकी क्षेत्र (जैसे: नए हिन्दी फ़ॉंट का निर्माण, या स्वतः भाषा सुधार, आदि) में और प्रचलित हिन्दी-आधारित सॉफ़्टवेयर के उपयोग को और आगे बढ़ाने में पर्याप्त योगदान प्रदान करने की परिकल्पना करता है। प्रशिक्षित छात्रों के चयन की दृष्टि से आईआईटी कानपुर बड़ी-बड़ी सॉफ्टवेयर कम्पनियों की पहली पसंद बने इसके लिए छात्रों को प्रशिक्षित करने और उन कम्पनियों को आकर्षित करने के लिए हिन्दी-लिपि के अपराजेय प्रतिमान की परिकल्पना की गई है। इसी तरह की पहल के अंतर्गत विभिन्न संसाधनों से धनराशि एकत्र करने, नए उद्यम बनाने या स्टार्टअप शुरू करने के लिए इन सूचनाओं को हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं में परिवर्तित करने, वर्चुअल लैब को बढ़ावा देने और हिन्दी में शिक्षण-सामग्री को समुन्नत करने की विशद योजना बनाने की तैयारी की गयी है।

शिवानी केंद्र आईआईटी कानपुर समुदाय के सभी परिवार के सदस्यों से आग्रह करता है कि वे इस केंद्र के साथ जुड़ें। यदि आपको सहायता की आवश्यकता है तो इसका लाभ उठाएँ अथवा यदि आप उन सक्षम व भाग्यशाली लोगों में से हैं जो इस केंद्र के संवर्धन में अपना योगदान दे सकते हैं तो आप अपने मूल्यवान समय का योगदान दें। आपके उपयोगी समय का छोटा से छोटा भी योगदान किसी न किसी जरूरतमंद के लिए सहायक सिद्ध होगा और उन्हें उन अनदेखी सामाजिक और व्यक्तिगत बाधाओं से बाहर निकालने में मददगार साबित होगा जो उन्हें पीछे खींच रही होती हैं। सम्यक् कर्तव्य-बोध की अवधारणा के अनुसार सफलता को मात्र स्वयं की संतुष्टि के संदर्भ में ही माप कर सीमित नहीं किया जाना चाहिए और न कि इस बात पर आधारित होना चाहिए कि दूसरे आपके बारे में क्या सोचते हैं, वस्तुतः यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि आप वास्तव में अपने आपको कितना समझते हैं और सामाजिक उपादेयता के प्रति कितने गम्भीर भाव से जुड़े हुए हैं। नि:संदेह आपका दयालु और नेक कार्य किसी के चेहरे पर मुस्कान ला सकता है, यद्यपि आप उसे एक छोटी सी मदद के रूप में सोच सकते हैं, परंतु वह वास्तव में किसी के जीवन में एक बड़ा बदलाव ला सकता है और हो सकता है आप अपने जीवन में भी उस बदलाव को महसूस करें।

आईआईटी कानपुर, शिवानी केंद्र की संचालन समिति श्री मिकी पंत को उनके उदार दान के लिए और आईआईटी कानपुर प्रशासन को इस तरह की सुविधा को स्थापित करने के लिए अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करती है।

पिछली बार अपडेट किया गया: 06 मई, 2024