IIT कानपुर के एसीएमएस ने आयोजित की "एडवांसेंस इन माइक्रोस्कोपी (AIM)-2025" कार्यशाला – ऑप्टिकल इमेजिंग के क्षेत्र में नई खोजों पर हुई चर्चा

 

   

कानपुर, 4 सितंबर 2025: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (IIT कानपुर) के एडवांस्ड सेंटर फॉर मैटेरियल्स साइंस (ACMS) ने एक दिवसीय कार्यशाला "एडवांसेंस इन माइक्रोस्कोपी (AIM)-2025 – ऑप्टिकल इमेजिंग एक्रॉस द स्केल्स" का आयोजन किया। इस कार्यशाला में भारत और विदेशों से आए 90 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें छात्र, शोधार्थी, तकनीकी स्टाफ, फैकल्टी सदस्य और उद्योग क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल थे। साथ ही आयोजन में Zeiss India ने इंडस्ट्री पार्टनर के रूप में सहयोग किया।


इसके अलावा कार्यशाला में कॉनफोकल माइक्रोस्कोपी से लेकर सुपर-रेज़ोल्यूशन और सिंगल-मॉलिक्यूल इमेजिंग जैसी अत्याधुनिक ऑप्टिकल माइक्रोस्कोपी तकनीकों पर चर्चा हुई। प्रतिभागियों को लाइव-सेल इमेजिंग में भी व्यावहारिक प्रशिक्षण मिला, जिससे उन्हें सैद्धांतिक और प्रायोगिक ज्ञान प्राप्त हुए। यह कार्यशाला अकादमिक और इंडस्ट्री के बीच उपयोगी संवाद का माध्यम बनी और प्रतिभागियों को जीवन विज्ञान और सामग्री विज्ञान में उभरती इमेजिंग तकनीकों की मजबूत की समझ दी।



कार्यक्रम का उद्घाटन एसीएमएस के प्रमुख प्रोफेसर अनीश उपाध्याय ने किया। उन्होंने एसीएमएस द्वारा संस्थान और बाहरी शोधकर्ताओं के लिए किए जा रहे कार्यों को रेखांकित किया। उन्होंने बताया, “एसीएमएस, IIT कानपुर की वैज्ञानिक अनुसंधान में उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हम यहां की अत्याधुनिक सुविधाओं के माध्यम से देशभर के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को सहयोग देने का प्रयास करते हैं।”


उन्होंने सेंटर की आधुनिक प्रयोगशालाओं जैसे लाइव-सेल इमेजिंग, टू-फोटॉन माइक्रोस्कोपी, इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी लैब, एक्स-रे डिफ्रैक्शन (XRD), एक्स-रे फोटोइलेक्ट्रॉन स्पेक्ट्रोस्कोपी और सैंपल प्रिपरेशन लैब्स की जानकारी भी दी। प्रो. उपाध्याय ने संस्थान के प्रशासन को इन सुविधाओं को बनाए रखने और आगे बढ़ाने में निरंतर सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया। उद्घाटन सत्र में प्रो. कंतेश बलानी (प्रमुख, MSE), प्रो. अश्वनी ठाकुर (प्रमुख, BSBE), और प्रो. अमिताभ बंद्योपाध्याय (वरिष्ठ प्रोफेसर, BSBE) भी उपस्थित रहे।


कार्यशाला में एसीएमएस के लाइव-सेल इमेजिंग फैसिलिटी की क्षमताओं को भी दर्शाया गया, जो जीवन विज्ञान, रसायन विज्ञान और सामग्री विज्ञान में उपयोगी है। इस फैसिलिटी के संयोजक प्रोफेसर नितिन मोहन ने “ऑप्टिकल इमेजिंग का इतिहास – साधारण लेंस से लेकर सुपर-रेज़ोल्यूशन तक” विषय पर उद्घाटन व्याख्यान दिया।


इसके बाद प्रो. राकेश कुमार माझी (BSBE, IITK) ने “नॉन-अडहीरेंट कोशिकाओं की माइक्रोस्कोपी की चुनौतियाँ” विषय पर, Zeiss India से श्री ऋषिकांत ने “ऑप्टिकल सेक्शनिंग तकनीक” पर व्याख्यान दिया और कॉन्फोकल व लाइव-सेल इमेजिंग के व्यावहारिक पहलुओं को बताया। वहीं, प्रो. वेंकट जयसूर्य याल्लप्रगड़ा (भौतिकी विभाग, IITK) ने “छोटे लाइट एमिटर और स्कैटरर का अध्ययन” विषय पर बात की और प्रो. दिव्येंदु कुमार दास (BSBE, IITK) ने “वायरस जीवन चक्र को समझने में सिंगल-मॉलिक्यूल इमेजिंग का उपयोग” विषय पर व्याख्यान दिया। वहीं, लाइव-सेल इमेजिंग पर हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग सत्र श्री ऋषिकांत (Zeiss India) और श्री रविंद्र अग्निहोत्री (ACMS, IITK) द्वारा संचालित किए गए।


IIT कानपुर के बारे में:


भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर की स्थापना 1959 में हुई थी और यह भारत सरकार द्वारा "राष्ट्रीय महत्व का संस्थान" घोषित किया गया है। यह संस्थान विज्ञान और इंजीनियरिंग शिक्षा के क्षेत्र में अपनी उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है और अनुसंधान एवं विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता आया है। 1050 एकड़ में फैला इसका हरित-भरा परिसर 19 विभागों, 26 केंद्रों, तीन इंटरडिसिप्लिनरी कार्यक्रमों और दो विशेष स्कूलों का घर है। यहां 590 से अधिक पूर्णकालिक फैकल्टी और 9500 से अधिक छात्र हैं। IIT कानपुर लगातार नवाचार और शैक्षणिक उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करता है।


अधिक जानकारी के लिए देखें: www.iitk.ac.in.

 

 

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