आई आई टी (IIT) कानपुर में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) की पाँचवी बैठक का हुया आयोजन

 

   
  • आई आई टी (IIT) कानपुर समिति का प्रमुख है जिसमें 43 कार्यालय शामिल हैं।

  • राजभाषा हिंदी के कार्यान्वयन और प्रगति की निगरानी का उत्तरदायित्व आईआईटी कानपुर है।

कानपुर, 21 मई 2023: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर द्वारा नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (टीओएलआईसी) की पांचवीं बैठक का आयोजन किया गया। आई आई टी (IIT) कानपुर उस समिति का प्रमुख है जिसमें 43 कार्यालय शामिल हैं और यह राजभाषा हिंदी के कार्यान्वयन और प्रगति की निगरानी के लिए जिम्मेदार है।


समिति के अध्यक्ष एवं आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने कहा, "आईआईटी कानपुर सभी कार्यालयों से राजभाषा अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित करने और आधिकारिक कामकाज हिंदी में करने का अनुरोध करता है।"


समिति की पांचवीं बैठक की अध्यक्षताआई आई टी कानपुर के डीन प्रशासन एवं कुलसचिव (कार्यवाहक) प्रोफेसर ब्रज भूषण ने की। बैठक के मुख्य अतिथि उप निदेशक डॉ. छबील कुमार मेहर, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग एवं क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय (उत्तर क्षेत्र-2) गाजियाबाद एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में सहायक निदेशक श्री अजय कुमार चौधरी उपस्थित थे l सभा का स्वागत नराकास के सदस्य सचिव एवं आई आई टी कानपुर में हिन्दी अधिकारी श्री विजय कुमार पाण्डेय ने किया।


आईआईटी कानपुर के बारे में:


भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर की स्थापना 2 नवंबर 1959 को संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। संस्थान का विशाल परिसर 1055 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें 19 विभागों, 22 केंद्रों, इंजीनियरिंग, विज्ञान, डिजाइन, मानविकी और प्रबंधन विषयों में 3 अंतःविषय कार्यक्रमों में फैले शैक्षणिक और अनुसंधान संसाधनों के बड़े पूल के साथ 540 पूर्णकालिक संकाय सदस्य और लगभग 9000 छात्र हैं । औपचारिक स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अलावा, संस्थान उद्योग और सरकार दोनों के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास में सक्रिय रहता है।


अधिक जानकारी के लिए www.iitk.ac.in पर विजिट करें

 

 

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