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कानपुर, 2 नवंबर, 2025: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी कानपुर) ने 2 नवंबर 2025 को अपना 66वां स्थापना दिवस बड़े उत्साह और गौरव के साथ मनाया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आईआईटी रोपड़ और आईआईटी गोवा के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष श्री आदिल जैनुलभाई उपस्थित रहे।
समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री आदिल जैनुलभाई एवं आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर आईआईटी कानपुर के उप निदेशक प्रो. ब्रज भूषण, आईआईटी कानपुर के अधिष्ठाता, संसाधन एवं पूर्व छात्र प्रो. अमेय करकरे, आईआईटी कानपुर के अधिष्ठाता, संकाय कार्य प्रो. जितेंद्र के. बेरा तथा अन्य प्रतिष्ठित संकाय सदस्य, छात्र, कर्मचारी और अतिथि उपस्थित थे। स्वागत भाषण देते हुए, आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने सम्मानित पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और संस्थान की कई नवीनतम उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिनमें वाधवानी स्कूल ऑफ एआई एंड इंटेलिजेंट सिस्टम्स की स्थापना, कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी भवन के निर्माण की आधारशिला रखना तथा ट्रांसलेशनल अनुसंधान पर संस्थान का बढ़ता फोकस शामिल है। उन्होंने आगे कहा कि “यह एक ऐसा दिन है जो न केवल संस्थान की स्थापना का प्रतीक है, बल्कि ज्ञान, नवाचार और युवा पीढ़ियों को मार्गदर्शन देने की एक सतत यात्रा की शुरुआत है। आज हमारे बीच श्री आदिल जैनुलभाई का होना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। संस्थान की ओर से और व्यक्तिगत रूप से, मैं उन्हें मुख्य अतिथि बनने का अनुरोध स्वीकार करने के लिए धन्यवाद देता हूं। सभा को संबोधित करते हुए, आईआईटी रोपड़ और आईआईटी गोवा के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष, श्री आदिल जैनुलभाई ने कहा, "आईआईटी कानपुर लंबे समय से तकनीकी और वैज्ञानिक उत्कृष्टता का एक प्रतीक रहा है। दशकों से, इसके पूर्व छात्रों, विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों ने भारत की विकास गाथा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आईआईटी कानपुर अपनी उल्लेखनीय उपलब्धियों के 66 वर्षों का उत्सव मना रहा है और यह भावी पीढ़ियों को उद्देश्यपूर्ण नवाचार और निष्ठा के साथ नेतृत्व करने के लिए प्रेरित करता रहेगा। आईआईटी कानपुर को विकसित भारत के लक्ष्यों के अनुरूप एक नवाचार और आर्थिक इंजन बनना है।" इस वर्ष विभिन्न श्रेणियों में कुल 21 पुरस्कार विजेताओं जैसे कि संस्थान फेलो, विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार, विशिष्ट सेवा पुरस्कार और युवा पूर्व छात्र पुरस्कार को सम्मानित किया गया, जिनमें उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों, संस्थान के प्रति सेवा और समाज एवं राष्ट्र निर्माण में अनुकरणीय योगदान को मान्यता दी गई। समारोह का समापन आईआईटी कानपुर के उप निदेशक प्रो. ब्रज भूषण के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने मुख्य अतिथि, पुरस्कार विजेताओं, संकाय सदस्यों, छात्रों और अतिथियों की उपस्थिति और भागीदारी के लिए उनका आभार व्यक्त किया। आईआईटी कानपुर की नवाचार, उत्कृष्टता और राष्ट्र सेवा की चिरस्थायी भावना का उत्सव मनाने वाले इस दिन का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। आईआईटी कानपुर के बारे में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर, जिसकी स्थापना 1959 में संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी, को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त होने का गौरव प्राप्त है। विज्ञान और अभियांत्रिकी शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए विख्यात, आईआईटी कानपुर ने दशकों से अनुसंधान और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसका विशाल, हरा-भरा परिसर 1,055 एकड़ में फैला है और इसमें शैक्षणिक और अनुसंधान संसाधनों की एक समृद्ध श्रृंखला मौजूद है। संस्थान में 20 विभाग, 27 केंद्र, तीन अंतःविषय कार्यक्रम और इंजीनियरिंग, विज्ञान, डिज़ाइन, मानविकी और प्रबंधन विषयों में तीन विशिष्ट स्कूल शामिल हैं। 570 से अधिक पूर्णकालिक संकाय सदस्यों और 9,500 से अधिक विद्यार्थियों के साथ, आईआईटी कानपुर नवाचार और शैक्षणिक दक्षता को बढ़ावा देने में अग्रणी बना हुआ है। अधिक जानकारी के लिए कृपया देखें: www.iitk.ac.in. |
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