आई आई टी (IIT) कानपुर ने नेत्रहीनों और दृष्टिबाधित लोगों के लिए हैप्टिक स्मार्ट वॉच विकसित की

 

   
  • यह एक स्पर्श-संवेदनशील इंटरफ़ेस तकनीक से युक्त, कम लागत वाला स्मार्ट पहनने योग्य उपकरण है, जो कंपन का उपयोग करके जानकारी प्रदर्शित करता है

  • इस घड़ी का उपयोग करने वालों को आसानी से कई सुविधाएँ प्रदान हो जाती हैं, जैसे कि स्वास्थ्य मापदंडों की जानकारी, इंस्टेंट शॉर्ट-टाइमर, हाइड्रेशन रिमाइंडर आदि

कानपुर, 28 मई, 2022: आईआईटी कानपुर ने दृष्टिबाधित और नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए एक नई स्पर्श-संवेदनशील स्मार्ट घड़ी विकसित की है जो आधुनिक तकनीकों से लैस है और उनके लिए वरदान हो सकती है। इस घड़ी को नेशनल सेंटर फॉर फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स, आई आई टी (IIT) कानपुर में प्रो सिद्धार्थ पाण्डा केमिकल इंजीनियरिंग विभाग और श्री विश्वराज श्रीवास्तव द्वारा विकसित किया गया है।


दुनिया में लगभग 49 मिलियन नेत्रहीन और 285 मिलियन दृष्टिबाधित व्यक्तियों को स्पर्शनीय इंटरफेस की अनुपस्थिति के कारण उपकरणों के साथ आसानी से उपयोग करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। दुनिया के कुल नेत्रहीन लोगों का लगभग 20% हिस्सा भारत में रहता है। इस चिंता को दूर करते हुए आई आई टी (IIT) कानपुर की टीम ने एक स्मार्ट वॉच विकसित की है जो हैप्टिक मोड में काम करती है। हैप्टिक्स उस तकनीक से संबंधित है जो स्पर्श की तकनीक पर काम करती है।



आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने कहा, "आईआईटी कानपुर में हमारा एक मात्र उद्देश्य नवाचारों को सभी के लिए समावेशी बनाना है। यह हैप्टिक स्मार्ट घड़ी इस संबंध में एक महत्वपूर्ण आविष्कार है, जो मुझे विश्वास है कि नेत्रहीनों और दृष्टिबाधित लोगों के लिए बहुत मददगार होगी। स्पर्श-संवेदनशील और कंपन-आधारित विशेषताएं नेत्रहीनों और दृष्टिबाधितों को समय का बोध कराने में क्रांतिकारी साबित होंगी। मैं इस आविष्कार के लिए प्रो. सिद्धार्थ पाण्डा और श्री विश्वराज श्रीवास्तव के नेतृत्व वाली टीम को बधाई देता हूं।


यह आविष्कार एक स्पर्श-संवेदनशील स्पर्श इंटरफ़ेस तकनीक के साथ एक लागत प्रभावी स्मार्ट पहनने योग्य उपकरण है जो कंपन का उपयोग करके जानकारी प्रदर्शित करता है। यह बाजार में उपलब्ध ऑडियो-आधारित आउटपुट उपकरणों की तुलना में इसे निजी उपयोग के लिए अधिक उपयुक्त बनाता है।


समय के घंटे को पहचाने के लिए मार्करों से युक्त डायल फेस, स्पर्श संवेदनशील है और कंपन आधारित आउटपुट का उपयोग समय को जानने, और विभिन्न ऐप्स को जल्दी से पहचानने एवं संख्याओं को समझने के लिए किया जाता है।


इस घड़ी में हृदय गति और SpO2 जैसे स्वास्थ्य मापदंडों को जांचने के लिए PPG (Photoplethysmography) जैसे सेंसर शामिल हैं। इसमें दैनिक गतिविधि पर नज़र रखने के लिए स्टेप काउंट को मापने के लिए एक्सेलेरोमीटर का उपयोग किया जाता है। इन सभी मापदंडों को व्यक्तिगत रूप से हैप्टिक मेनू का उपयोग करके जांचा जा सकता है।


आईआईटी कानपुर के बारे में:


भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर की स्थापना 2 नवंबर 1959 को संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। संस्थान का विशाल परिसर 1055 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें 17 विभागों, 25 केंद्रों और 5 अंतःविषय कार्यक्रमों के साथ इंजीनियरिंग, विज्ञान, डिजाइन, मानविकी और प्रबंधन विषयों में शैक्षणिक और अनुसंधान संसाधनों के बड़े पूल के साथ 480 पूर्णकालिक फैकल्टी सदस्य और लगभग 9000 छात्र हैं। औपचारिक स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अलावा, संस्थान उद्योग और सरकार दोनों के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास में सक्रिय योगदान देता है।


अधिक जानकारी के लिए www.iitk.ac.in पर विजिट करें।

 

 

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