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कानपुर, 29 अप्रैल 2025: पंजाब के सरकारी गैर-एसओई (स्कूल ऑफ एक्सीलेंस) स्कूलों के 85 छात्रों ने JEE मेंन्स 2025 क्वालीफाई किया है, जो पिछले साल के 49 क्वालीफायर से अधिक है। अधिकारियों ने इस 74% वृद्धि का श्रेय SATHEE पहल को दिया है, जो केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर, द्वारा विकसित एक निःशुल्क परामर्श और शैक्षणिक सहायता कार्यक्रम है। 2023 में लॉन्च किया गया SATHEE, समस्त भारत के सरकारी स्कूलों में छात्रों को JEE और NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए एक संगठित तैयारी प्रदान करता है। इसमें लाइव इंटरैक्टिव कक्षाएं, अल्पकालिक क्रैश पाठ्यक्रम और आईआईटी संकाय, पूर्व छात्रों और वरिष्ठ छात्रों द्वारा दिए गए रिकॉर्डडेड -व्याख्यान सहित साप्ताहिक अभ्यास परीक्षण, फुल लेंथ मॉक टेस्ट, आईआईटी स्नातकों के साथ व्यक्तिगत रूप से परामर्श सत्र और पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम पर आधारित एक अध्ययन योजना शामिल है। पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सफल उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि का श्रेय SATHEE के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाले, संरचित शिक्षण संसाधनों की उपलब्धता को दिया, जो बोर्ड पाठ्यक्रम और राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं की जटिलताओं के बीच की खाई को पाटता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में मातृभाषा में शिक्षा पर जोर दिए जाने के अनुरूप, आईआईटी कानपुर अब इस शैक्षणिक वर्ष के अंत में SATHEE प्लेटफॉर्म पर पंजाबी में डब किए गए व्याख्यान शुरू कर रहा है। इस पहल का उद्देश्य जटिल STEM अवधारणाओं को पहली पीढ़ी के शिक्षार्थियों के लिए अधिक सुलभ बनाना और प्लेटफ़ॉर्म की पहुँच और प्रभावशीलता को और बढ़ाना है। प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल, आईआईटी कानपुर के निदेशक ने इसपर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, "शिक्षा में वास्तविक प्रगति तब होती है जब पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना प्रत्येक प्रतिभाशाली छात्र के लिए अवसर सुलभ किए जाते हैं। हमें पंजाब और देशभर में SATHEE पहल के प्रभाव को देखकर गर्व हो रहा है और हम राष्ट्रव्यापी छात्रों की आकांक्षाओं को पोषित करने के लिए नवाचार और इसकी पहुंच का विस्तार करना जारी रखेंगे। स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (SCRT) पंजाब के अधिकारियों ने भी SATHEE के तहत आउटरीच का विस्तार करने की योजना का संकेत दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य भर में अधिक योग्य छात्र भारत के प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश प्राप्त कर सकें। आईआईटी कानपुर के बारे में: 1959 में स्थापित, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर को संसद के एक अधिनियम के माध्यम से भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त है। विज्ञान और इंजीनियरिंग शिक्षा में अपनी उत्कृष्टता के लिए प्रसिद्ध, आईआईटी कानपुर ने दशकों से अनुसंधान और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसका विशाल और हरा-भरा परिसर 1,050 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें शैक्षणिक और अनुसंधान संसाधनों की एक समृद्ध श्रृंखला है। संस्थान में 19 विभाग, 26 केंद्र, तीन अंतःविषय कार्यक्रम और इंजीनियरिंग, विज्ञान, डिजाइन, मानविकी और प्रबंधन विषयों में दो विशेष विद्यालय शामिल हैं। 590 से अधिक पूर्णकालिक संकाय सदस्यों और 9,500 से अधिक छात्रों के साथ, आईआईटी कानपुर नवाचार और शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में अग्रणी बना हुआ है। अधिक जानकारी के लिए www.iitk.ac.in पर विजिट करें |
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