आईआईटी कानपुर और अपोलो अस्पताल ने अत्याधुनिक चिकित्सा प्रौद्योगिकी में अनुसंधान सहयोग के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए

 

   

कानपुर, 3 जनवरी, 2023: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर और अपोलो हॉस्पिटल्स ने आज एआई के क्लीनिकल अनुप्रयोग और स्वास्थ्य सेवा प्रौद्योगिकी में पारस्परिक हित के अन्य क्षेत्रों में सहयोगी अनुसंधान के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की। एशिया के सबसे बड़े एकीकृत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता, और प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान के विश्व स्तर पर प्रसिद्ध संस्थान के बीच अपनी तरह का यह पहला औपचारिक सहयोग है, जो चिकित्सा पद्धति को बदलने वाले स्वास्थ्य सेवा और प्रौद्योगिकी के बीच तेजी से हो रहे अभिसरण को औपचारिक मान्यता देता है।। प्रोफेसर एआर हरीश, डीन आरएंडडी, आईआईटी कानपुर और प्रो. कृष्णन गणपति, निदेशक अपोलो टेलीमेडिसिन, अपोलो हॉस्पिटल्स ने आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर और अपोलो अस्पताल ग्रुप के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. प्रताप सी. रेड्डी एवं अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।


अपोलो हॉस्पिटल्स का एक विभाग अपोलो रिसर्च एंड इनोवेशन (एआरआई) दो दशकों से अधिक समय से चिकित्सा अनुसंधान में एआई का प्रयोग, नवाचार, स्वास्थ्य शिक्षा, शिक्षण और क्लीनिकल परिनियोजन का नेतृत्व कर रहा है। शिक्षा जगत और उद्योग जगत के विश्व स्तर पर प्रसिद्ध भागीदारों के साथ गहन अध्ययन के बाद अपोलो ने क्लिनिकल अभ्यास में हृदय रोग, मधुमेह, सीओपीडी और अस्थमा, और यकृत फाइब्रोसिस जैसी बीमारियों के विकास के जोखिम की भविष्यवाणी करने के लिए आईएसओ प्रमाणित एआई-आधारित क्लीनिकल अनुप्रयोग रखने वाले पहले संस्थान के रूप में अपने आप को सिद्ध किया है। आई आई टी (IIT) कानपुर के साथ सहयोग इस नींव पर बनेगा और स्वास्थ्य सेवा प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास के क्षेत्र का विस्तार करेगा।।


डॉ प्रताप सी रेड्डी, संस्थापक और अध्यक्ष, अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप ने इस समझौता ज्ञापन का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “अपोलो रोगियों को चिकित्सा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीनतम/उच्चतम सुविधाएँ प्रदान करने में सबसे आगे रहा है। स्वास्थ्य सेवा में नई पीढ़ी की प्रतिभाओं को बढ़ावा देने में भी अपोलो ग्रुप बहुत सक्रिय रहा है। दो मेडिकल कॉलेज, ब्रिटेन में एक मेडिकल स्कूल, एक अपोलो विश्वविद्यालय और नर्सिंग और अस्पताल प्रशासन में उन्नत प्रशिक्षण प्रदान करने वाले 20 संस्थानों की स्थापना के बाद, और पीएचडी कार्यक्रमों के साथ स्पेशलिटी और सुपर स्पेशियलिटी में 625 डीएनबी सीटें प्रदान करने के बाद; हम अपने अनुभव और विशेषज्ञता को आईआईटी कानपुर में किए गए अभिनव शोध के साथ जोड़ने के लिए तत्पर हैं । यह सहयोग अपोलो पारिस्थितिकी तंत्र के साथ आंतरिक या बाहरी रूप से जुड़े सभी लोगों को शिक्षण और अनुसंधान के अवसर प्रदान करेगा ।“


आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर ने कहा, “राष्ट्रीय महत्व का एक अनुसंधान और शैक्षणिक संस्थान होने के नाते, आईआईटी कानपुर ने उद्योग और अन्य संस्थानों के सहयोग से विज्ञान, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग में अत्याधुनिक बहु-विषयक अनुसंधान प्रदान करने में लगातार निवेश किया है। आईआईटी कानपुर में स्थापित होने वाला गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी देश में चिकित्सा अनुसंधान और तकनीकी नवाचारों के बीच समन्वय के जरिए एक आदर्श बदलाव लाने का आईआईटी कानपुर का जो प्रयास है, उसे मान्यता देगा। अब, अपोलो हॉस्पिटल्स के साथ इस एमओयू के साथ, हम स्वास्थ्य और अन्य उभरते नवाचारों में एआई जैसे क्षेत्रों में उपयोगी सहयोग करने की आस्था रखते हैं जो भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने में योगदान देंगे।“


डॉ. संगीता रेड्डी, संयुक्त प्रबंध निदेशक अपोलो हॉस्पिटल्स ने कहा कि डिजिटल स्वास्थ्य के सभी पहलुओं के कार्यान्वयन से अब स्वास्थ्य सेवा की डिलीवरी में आमूलचूल परिवर्तन हो रहा है और आईआईटी कानपुर के साथ औपचारिक सहयोग इस प्रयास को और गति देगा।


प्रोफेसर अमिताभ बंद्योपाध्याय, एचओडी, जैविक विज्ञान और बायोइंजीनियरिंग विभाग (BSBE) और उद्यमिता और नवाचार आईआईटी कानपुर के अध्यक्ष आशावादी हैं कि यह सहयोग पारस्परिक हित के कई केंद्रित क्षेत्रों की पहचान करेगा और प्रभावशाली परिणाम देगा। प्रो कृष्णन गणपति, निदेशक अपोलो टेलीमेडिसिन, जो आईआईटी कानपुर में एक प्रतिष्ठित मानद प्रोफेसर भी हैं, इस संयुक्त सहयोग के प्रमुख समन्वयक होंगे।


आईआईटी कानपुर के बारे में:


भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर की स्थापना 2 नवंबर 1959 को संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। संस्थान का विशाल परिसर 1055 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें 19 विभागों, 22 केंद्रों, इंजीनियरिंग, विज्ञान, डिजाइन, मानविकी और प्रबंधन विषयों में 3 अंतःविषय कार्यक्रमों में फैले शैक्षणिक और अनुसंधान संसाधनों के बड़े पूल के साथ 540 पूर्णकालिक संकाय सदस्य और लगभग 9000 छात्र हैं । औपचारिक स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अलावा, संस्थान उद्योग और सरकार दोनों के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास में सक्रिय रहता है।


अधिक जानकारी के लिए https://www.iitk.ac.in पर विजिट करें


अपोलो अस्पताल के बारे में:


1983 में जब डॉ. प्रताप रेड्डी ने चेन्नई में अपना पहला अस्पताल खोला तो अपोलो ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में क्रांति ला दी। आज अपोलो 71 अस्पतालों, 5,000 फार्मेसियों और 400 से अधिक क्लीनिकों और डायग्नोस्टिक केंद्रों के साथ साथ 150 टेलीमेडिसिन केंद्र में 200 मिलियन से अधिक रोगियों की 10,000 बिस्तरों के माध्यम से सेवा करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा लंबवत एकीकृत स्वास्थ्य सेवा मंच है। यह 160,000 से अधिक सर्जरी के साथ दुनिया का अग्रणी हृदय केंद्र है और दुनिया का सबसे बड़ा निजी कैंसर देखभाल प्रदाता है। अपोलो सबसे अत्याधुनिक तकनीकों, उपकरणों और उपचार प्रोटोकॉल को लाने के लिए अनुसंधान में निवेश करना जारी रखे हुए है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमारे रोगियों को दुनिया में सबसे अच्छी देखभाल उपलब्ध हो। हमारे 100,000 कर्मचारी पृथ्वी पर आपको सबसे अच्छी देखभाल देने और दुनिया को हमने जितना पाया उससे बेहतर छोड़ने के लिए समर्पित हैं।


अधिक जानकारी के लिए लॉग ऑन करें: www.apollohospitals.com.

 

 

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