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कानपुर | 15 सितंबर, 2025: भारत की पहली 'ह्यूमन-सेंटर्ड डिफेंस डिज़ाइन' (HCD)" पर रणनीतिक कार्यशाला की मेज़बानी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर करने जा रहा है। यह कार्यशाला 16–17 सितंबर 2025 को प्रबंधन बोर्डरूम और कन्वेंशन एंड एग्जीबिशन सेंटर (PBCEC), में आयोजित की जाएगी। इस आयोजन का संचालन DRDO-इंडस्ट्री-एकेडेमिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (DIA-COE) और आईआईटी कानपुर के डिपार्टमेंट ऑफ डिज़ाइन के तत्वावधान में किया जा रहा है। यह कार्यशाला भारत में डिफेंस इनोवेशन सिस्टम में ह्यूमन-सेंटर्ड डिज़ाइन को शामिल करने की दिशा में पहला संगठित और राष्ट्रीय स्तर का प्रयास है। इसका उद्देश्य डिफेंस सेक्टर से जुड़े अधिकारियों, उद्योग जगत के विशेषज्ञों और शिक्षाविदों को एक मंच पर लाकर चुनौतियों पर चर्चा करना, अवसरों की पहचान करना और आईआईटी कानपुर के DIA-COE में एक समर्पित HCD वर्टिकल की स्थापना की रूपरेखा तैयार करना है। विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति इस कार्यशाला में कई प्रतिष्ठित और वरिष्ठ अधिकारी जैसे- श्री एल.सी. मंगल, डिस्टिंग्विश्ड साइंटिस्ट और डायरेक्टर जनरल (टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट), DRDO, डॉ. एन. रंजन, निदेशक, डायरेक्टरेट ऑफ फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट (DFTM), DRDO, प्रो. तरुण गुप्ता, डीन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, आईआईटी कानपुर, श्री संजय टंडन, निदेशक, DIA-COE, आईआईटी कानपुर और प्रो. सत्यकी रॉय, प्रमुख, डिपार्टमेंट ऑफ डिज़ाइन, आईआईटी कानपुर और डॉ. विवेक कांत, एसोसिएट प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ डिज़ाइन, आईआईटी कानपुर (कार्यशाला के मेज़बान), शामिल होंगे। ये सभी इस पहल के शैक्षणिक, रणनीतिक और प्रायोगिक पहलुओं का मार्गदर्शन करेंगे। कार्यक्रम की रूपरेखा और व्हाइट पेपर का निर्माण दो दिन की इस कार्यशाला मेंविशेषज्ञ व्याख्यान, पैनल चर्चा, और समूह आधारित विचार-मंथन सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसमें डिफेंस संगठनों, उद्योग और शिक्षाविदों के प्रतिभागी मिलकर एक ड्राफ्ट व्हाइट पेपर तैयार करेंगे, जो भविष्य में डिफेंस प्रणालियों में HCD को लागू करने की दिशा में मार्गदर्शक बनेगा। इस अवसर पर डॉ. विवेक कांत ने कहा:“यह भारत में डिफेंस क्षेत्र के लिए अपनी तरह की पहली भागीदारी आधारित कार्यशाला है, जो ह्यूमन-सेंटर्ड डिज़ाइन को इस पूरे क्षेत्र में शामिल करने की दिशा में एक अहम कदम है। हमारा लक्ष्य है कि डिफेंस टेक्नोलॉजी केवल अत्याधुनिक ही नहीं, बल्कि उपयोगकर्ता के लिए सुरक्षित, विश्वसनीय और पूरी तरह से तैयार भी हो।” आईआईटी कानपुर की प्रतिबद्धता यह कार्यशाला डिफेंस टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी कानपुर की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है — जिसमें बहु-विषयक शोध, उद्योग और शैक्षणिक साझेदारियां, तथा उपयोगकर्ता-केंद्रित नवाचार प्रमुख हैं। IIT कानपुर के बारे में: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर की स्थापना 1959 में हुई थी और इसे भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह संस्थान विज्ञान और इंजीनियरिंग शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है और दशकों से अनुसंधान एवं विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता आ रहा है। IIT कानपुर का 1,050 एकड़ में फैला हरा-भरा परिसर शैक्षणिक और अनुसंधान संसाधनों से भरपूर है। इसमें 19 विभाग, 26 केंद्र, 3 अंतरविषयी कार्यक्रम, और 2 विशेषीकृत स्कूल शामिल हैं, जो इंजीनियरिंग, विज्ञान, डिजाइन, मानविकी और प्रबंधन के क्षेत्र में कार्यरत हैं। संस्थान में 590 से अधिक पूर्णकालिक शिक्षक और 9,500 से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं। अधिक जानकारी के लिए देखें: www.iitk.ac.in. |
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