आईआईटी कानपुर के भौतिकविदों की थर्मोडाइनैमिक्स की द्वितीय नियम पर नई खोज

 

   
  • शोधकर्ताओं ने पाया कि एक एकाकी सिस्टम डिसऑर्डर से ऑर्डर की ओर विकसित होती है, प्रक्रिया की व्याख्या करने के लिए हाइड्रोडायनामिक एन्ट्रॉपी का प्रस्ताव किया है

कानपुर, 21 दिसंबर 2022: आईआईटी कानपुर के भौतिकी विभाग के प्रो. महेंद्र वर्मा और शोधार्थी सौम्यदीप चटर्जी ने पता लगाया है कि दो आयामी (2D) यूलर प्रवाह (शून्य विस्कासिटी वाला प्रवाह) डिसऑर्डर से ऑर्डर की ओर विकसित होता है। यह खोज महत्वपूर्ण मूलभूत विषय जैसे डिसऑर्डर से ऑर्डर विकास व ऊष्मप्रवैगिकी के द्वितीय नियम पर प्रकाश डालता है।



फिजिकल रिव्यू फ्लुइड्स जर्नल में प्रकाशित अध्ययन, "हाइड्रोडायनामिक एंट्रॉपी एंड इमर्जेंस ऑफ ऑर्डर इन टू-डायमेंशनल यूलर टर्बुलेंस" में पाया गया है कि 2डD यूलर प्रवाह ऑर्डर से डिसऑर्डर की ओर विकसित होता है और यह संतुलन से बाहर है।


थर्मोडाइनैमिक्स के नियमों के अनुसार, यूलर प्रवाह का थर्मोडाइनैमिक्स एन्ट्रॉपी बदलता नहीं है। शोधकर्ताओं, प्रोफेसर वर्मा और श्री चटर्जी ने हाइड्रोडायनामिक और एस्ट्रोफिजिकल सिस्टम जैसे मल्टीस्केल सिस्टम के लिए "हाइड्रोडायनामिक एन्ट्रॉपी" प्रस्तावित किया और इसे यूलर टरबुलयंस के लिए नियोजित किया। उन्होंने दिखाया है कि 2डी यूलर प्रवाह की हाइड्रोडायनामिक एंट्रॉपी समय के साथ घट जाती है। दोनों ने यह भी पाया है कि यूलर प्रवाह का एवोल्यूशन आरंभिक दशा (इनिशियल कंडीशन) पर निर्भर करती है।


नयी खोज 2D यूलर प्रवाह में हाइड्रोडायनामिक एन्ट्रापी में कमी थर्मोडायनामिक्स के दूसरे नियम का उल्लंघन नहीं है। निष्कर्ष बताते हैं कि एकाकी सिस्टम बड़े स्केल पर डिसऑर्डर से ऑर्डर की ओर विकसित होती है| अतः किसी भी सिस्टम में "डिसऑर्डर से ऑर्डर" पर सामान्य दावों से सावधान रहने की आवश्यकता है। अपने निष्कर्षों के आधार पर, प्रोफेसर वर्मा और श्री चटर्जी का मानना है कि स्व-गुरुत्वाकर्षण सिस्टम में भी इस तरह का एवोल्यूशन हो सकता है।


शोधकर्ताओं के अनुसार, अध्ययन में प्रस्तावित हाइड्रोडायनामिक एन्ट्रॉपी बायोलॉजी, हाइड्रोडायनामिक्स, खगोल शास्त्र, अर्थ शास्त्र में उपयोगी साबित हो सकता है।


पेपर: महेंद्र वर्मा, सौम्यदीप चटर्जी: "हाइड्रोडायनामिक एंट्रॉपी एंड इमर्जेंस ऑफ ऑर्डर इन टू-डायमेंशनल यूलर टर्बुलेंस" भौतिक समीक्षा तरल पदार्थ। खंड 7. नवंबर 2022. आलेख संख्या: 114608.


आईआईटी कानपुर के बारे में:


भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर की स्थापना 2 नवंबर 1959 को संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। संस्थान का विशाल परिसर 1055 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें 19 विभागों, 22 केंद्रों, इंजीनियरिंग, विज्ञान, डिजाइन, मानविकी और प्रबंधन विषयों में 3 अंतःविषय कार्यक्रमों में फैले शैक्षणिक और अनुसंधान संसाधनों के बड़े पूल के साथ 527 पूर्णकालिक संकाय सदस्य और लगभग 9000 छात्र हैं । औपचारिक स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अलावा, संस्थान उद्योग और सरकार दोनों के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास में सक्रिय रहता है।


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